हैदराबाद का इतिहास | Hydrabad History in Hindi
Hydrabad History: आध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद अपनी सुंदर इमारतों के चलते एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है । यह एक सांस्कृतिक व ऐतिहासिक धरोहर भी है । हैदराबाद और सिंकदराबाद ये दो जुड़वां शहरों के नाम से जाने जाते हैं ।
इन दोनों शहरों को विभाजित करने वाली झील ‘ हुसैन सागर झील ‘ है , जो अपनी नायाब खूबसूरती के कारण पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है ।
आध्रप्रदेश की राजधानी हैदराबाद वर्तमान में सूचना प्रौद्योगिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी के केंद्र के रूप में अपनी एक नई पहचान बना चुका है ।
राजधानी हैदराबाद में कदम रखते ही आपको एक और इतिहास की गलियों में घूमने का एहसास होगा और दूसरी तरफ तकनीकी ऊंचाइयों को छूती आधुनिकता आपको असमंजस में डाल देगी ।
नई- पुरानी संस्कृति के संगम के रूप में उभरता हैदराबाद सदियों से निजामों का प्रिय शहर और मोतियों के केंद्र रूप में जाना जाता रहा है ।
आज के पर्यटक के लिए हैदराबाद में देखने के लिए इतना कुछ है कि आप तीन – चार दिन आराम से इसे देखने और इसकी उपलब्धियों को जानने में बिता सकते हैं ।
हैदराबाद की खूबसूरती चारों तरफ खड़ी पहाड़ियों और उनके बीचो – बीच बहती मूसा नदी में देखी जा सकती है । इस नगर की खासियत यह है कि यहां का मौसम पूरे साल सुहावना व एक जैसा रहता है ।
निजामी ठाठ – बाट वाले इस शहर में मुख्य आकर्षण चारमीनार , हुसैन सागर झील , बिड़ला मंदिर , सालारजंग संग्रहालय आदि है जो इस शहर को अलग पहचान देते हैं ।
हैदराबाद का इतिहास | Hydrabad History in Hindi
History of Hydrabad: हैदराबाद की नींव मोहम्मद कुली कुतुबशाह ने थी ।सन 1591 में रखी थी कहा जाता है कि हैदराबाद की स्थापना के समय मोहम्मद कुतुबशाह को एक बंजारन लड़की ( हैदर ) से प्रेम हो गया था और उसके नाम पर भी इसका नाम हैदर महल रखा था ।
सन् 1687 में औरंगजेब और उनके बाद 1724 में आसफजाह प्रथम ने इस पर शासन किया । उसे नवाबों ने ‘ निजाम – ए – मुल्क ‘ का खिताब दिया । उनके सात उत्तराधिकारियों ने हैदराबाद पर हुकूमत की जो निजाम कहलाए ।
हैदराबाद के टूरिस्ट प्लेस | Hyderabad ke Tourist Place in Hindi
चारमीनार|Chaarminar
इसे सुल्तान मुहम्मद कुली कुतुबशाह ने 1592 में बनवाया था । दरअसल , शहर की स्थापना करते समय यहां प्लेग फैल गया था ।
इसके दूर होने के बाद अल्लाह – मालिक के प्रति कृतज्ञता जाहिर करने के एवज में नवाब ने शहर के बीचोंबीच इसका निर्माण करवाया था । इसमें चार भव्य मीनारें हैं ।
ये इतनी ऊंची हैं कि इन पर चढ़कर पूरे हैदराबाद शहर को देखा जा सकता है । इसके पास है लाड बाजार , जहां से पर्ल जूलरी खासतौर पर खरीदी जा सकती है ।
मक्का मस्जिद | Makka Masjid
चारमीनार के दक्षिण – पूर्व में स्थित यह मस्जिद पत्थर से बनी होने के बावजूद अपने निर्माण और स्थापत्य – कला के लिहाज से बेजोड़ है ।
प्राचीन और अरबी वास्तु शिल्प के संगम के चलते यह पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है । लगभग 300 फीट एरिया में बनी इस मस्जिद में एक साथ दस हजार लोग नमाज अता कर सकते हैं .
हुसैन सागर लेक | Husain Sagar
हैदराबाद और सिकंदराबाद को जोड़ने वाली इस झील को मुहम्मद कुली कुतुबशाह ने ही बनवाया था । आज यह पर्यटकों के बीच बहुत पॉपुलर है ।
यहां पर खासतौर पर बोटिंग एंजॉय की जा सकती है । लेक के बीच में जिब्राल्टर रॉक बनी हुई है , जिस पर भगवान बुद्ध की 18 मीटर ऊची एक शानदार मूर्ति है ।
सालारजंग म्यूजियम | Salaarjung Museum
यह एशिया का सबसे बड़ा और पुराना म्यूजियम है । इसकी 38 गैलरियों में 43 हजार से ज्यादा कलाकृत्तियां , 9 हजार पांडुलिपियां और 47 हजार मुद्रित पुस्तके हैं ।
म्यूजियम में रखे आर्ट पीसेज भी बेजोड़ हैं । इसका एक मुख्य आकर्षण 19 वीं सदी की ब्रिटिश संगीतमय रैबेका घड़ी है , जिसे इंग्लैंड से लाया गया है । इसे देखने के लिए घड़ी के सामने बाकायदा बेंच और कुर्सियों का इंतजाम किया गया है ।
गोलकुंडा किला|Golkunda Fort
हैदराबाद से करीब 11 किलोमीटर दूर एक पहाड़ी पर ग्रेनाइट से बना गोलकुडा किला भारत के प्रसिद्ध और भव्य किलों में से एक है । उस समय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यहां के दरवाजों में खास साउंड तकनीक को लगाया गया था ।
यहां अगर आप एक कोने में ताली बजाएंगे , तो उसकी गूंज दूसरे कोने में भी सुनाई देगी । किले में सफा – मस्जिद , नगीना बाग , बारूद कोठा , कुतुबशाही गुंबद , तारामती बारांदरी और बालहिशर जैसी जगहों के अवशेष भी देखने लायक हैं ।
गौरतलब है कि यहां की खदानें हीरों के लिए दुनिया भर में मशहूर हैं । गोलकुंडा किले के रानी महल में रोजाना शाम को ‘ लाइट एंड साउंड शो ‘ होता है ।
रामोजी फिल्म सिटी | Ramoji Film City
हैदराबाद आने वाले पर्यटकों की यात्रा तब तक पूरी नहीं होती , जब तक वे हयातनगर में स्थित रामोजी फिल्म सिटी न घूम लें ।
लगभग 2000 एकड़ में फैली यह फिल्म – सिटी अद्भुत को लुभाने के लिए यहां ड्रीम वैली , अंब्रेला गार्डन , पौधे भी देख सकते हैं । बच्चों के एंटरटेनमेंट के कल्पनालोक का बेजोड़ नमूना है ।
कहने को तो यह फिल्मों की शूटिंग का केद है , लेकिन पर्यटकों एनिमल गार्डन , जापानी गार्डन वगैरह है । इसके अलावा , फोटो करवाने के लिए यहां लुभावने सेट्स भी हैं । बच्चों के लिए यहां पर एक स्पेशल फन – पार्क है जहां की सैर बड़ों को भी उतना ही लुभाती है ।
लुम्बनी पार्क | Lumbini Park
हालांकि हैदराबाद में बहुत सारे बाग हैं , लेकिन लुम्बनी पार्क इनमें बेमिसाल है । यह पार्क हुसैन सागर झील के दक्षिण में है । इसका मुख्य आकर्षण मल्टीमीडिया लेजर शो है ।
गौरतलब है कि इसका आयोजन संगीतमय फव्वारों के ऊपर लेजर लाइट डाल कर किया जाता है ।
ये संगीतमय फव्वारे आपको पहली नजर में ही सम्मोहित करने का जादू रखते हैं । पार्क में बनी फ्लॉवर वॉच के अलावा आप यहां कई तरह के के लिए भी यहां बहुत कुछ है ।
नेहरू जूलॉजिकल पार्क | Nehru Zoological Park
हैदराबाद का यह पार्क भी देखने लायक है । इसकी खासियत लॉयन सफारी है , इसमें दुर्लभ प्रजाति के शेर दिखते हैं ।
गौरतलब है कि कई एकड़ में फैले यहां पर दूसरे देशों से लाए गए जानवरों की भी देखा जा सकता है । इस पार्क में आप अपने वाहन से भी घूम सकते हैं ।
स्नो वर्ल्ड | Snow World
पर्यटकों के लिए हैदराबाद का हिमपात थीम पार्क या स्नो वर्ल्ड मनोरंजन की दृष्टि से मील का पत्थर है । सन् 2004 में इसका उद्घाटन किया गया था ।
बता दें कि यह दुनिया का सबसे बड़ा और भारत का पहला स्नोफॉल थीम पार्क है . 17 हजार वर्ग फुट में फैले इस पार्क का तापमान -5 से 0 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है दिलचस्प बात यह है कि यहा वर्फ से एक पूरा माहौल तैयार किया गया है
, जिसके तहत पोलर बियर व पेंगुइन वगैरह की बर्फ से बनी मूतियों के अलावा इग्लू जैसे घर भी बने हुए हैं । यहां बर्फ स्लाइडिंग वगैरह का मजा भी लिया जा सकता है
हर गुप को इसमें भेजने के दौरान 10 मिनट के लिए स्नो फॉल भी की जाती है । कपकंपा देने वाली ठंड के माहौल में यहां डांस भी एंजॉय किया जा सकता है
हैदरबाद के कुछ और टूरिस्ट प्लेस | Hyderabad ke kuch or tourist place in Hindi
हैदराबाद में कुछ और जगहें भी दर्शनीय हैं । इनमें एक नौबत पहाड़ी पर संगमरमर पत्थर से बना भगवान श्रीवेकटेश्वर का बिरला मंदिर है । यहां से पूरे शहर का नजारा देखा जा सकता है ।
एनटीआर गार्डन , योगिबियर पार्क जैसी जगहें भी घूमने लायक हैं । हैदराबाद की बंजारा हिल पर बने मॉल और हाई – टेक सिटी पर्यटन के चरम बिंदु हैं , जिनमें जाये बिना पर्यटकों की यात्रा पूरी नहीं होती .
कब जाएं: यू तो आप साल भर में कभी भी हैदराबाद जा सकते हैं , लेकिन वहां की झुलसती गर्मी से बचना चाहते हैं , तो अप्रैल से मई के बीच जाना अवॉइड करें । ( यानि इन दो महीनों में न जाएं )
कैसे जाएं: हैदराबाद हवाई व रेल मार्ग से देश के सभी बड़े शहरों से जुड़ा है । इसलिए कहीं से भी यहां पहुंचने में परेशानी नहीं होती । कहां ठहरें इस मामले में भी आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है , क्योकि यहा बजट होटल से लेकर बड़े होटलों तक का ऑप्शन खुला है ।
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