घातक कैंसर (cancer in hindi) नार्मल ट्यूमर से काफी ज्यादा खतरनाक होता है । जोकि शरीर के किसी भी हिस्से में फैल सकता है । उदाहरण के तौर पर चमड़ी पर गहरा दाग ( Melanoma ) जोकि त्वचा में होता है , वह बढ़कर खून में पहुंच जाता है । यह दिमाग और लीवर को भी खराब कर सकता है ।
कैंसर क्यों खतरनाक है ? | Cancer in Hindi
कैंसर विषाणु से बचें
कई प्रकार के इन्फेक्शन भी कैंसर का कारण बन सकते हैं । एक अच्छा उदाहरण मानव पेपिलोमा वायरस ( HVP ) ( नाजायज रिश्तों के ) है । यौन संपर्क के माध्यम से एक – दूसरे को पारित कर सकते हैं । इसके इलावा बच्चेदानी का मुंह का कैंसर होने को भी सम्भावना रहती है । कैंसर कोशिका बनने की शुरूआत कोशिका विभाजन की सामान्य प्रक्रिया के बाधित होने की वजह से अनियंत्रित कोशिका विभाजन प्रक्रिया चलते रहना कैंसर की शुरूआत
विभिन्न प्रकार के कैंसर | Types of Cancer in Hindi
कैंसर शरीर के किसी भी भाग में हो सकता है ।
कार्सिनोमा : –
कैंसर का सबसे आम कारण शरीर के बाहरी और अन्दरूनी सतहों में कवर होता है और कोशिकाओं में उत्पन्न होता है , इसलिए ज्यादातर फेफड़े , छाती और पेट के कैंसर पाए जाते है
ल्युकेमिया : –
अस्थि मज्जा (Bone Marrow) में आगे बढ़ते है और खुन में बड़ी सख्या जमा करते हैं , जिससे खून में कैंसर का पाए जाते हैं । कारण बनता है ।
कैंसर का फैलना ( इर्द – गिर्द और दूरी पर ) :
कैंसर शरीर में दो तरीके से फैलता है
1. कोशिकाओं पर आक्रमण : –
कैंसर कोशिकाएं अपने साथ वाली कोशिकाओं पर आक्रमण करके कैंसर कोशिकाएं बना देती है ।
2. रूप – परिवर्तन : –
कैंसर कोशिकाएं खून में मिलकर शरीर के किसी भी हिस्से में पहुंच कर वहां की कोशिकाओं को कैंसर कोशिका में परिवर्तित कर देती है ।
कैंसर के कारण :
धूम्रपान और शराब की तरह ही एचईपीवी , एचआईवी , एचपीवी के संक्रमण खान – पान और व्यायाम की कमी से पैदा होते है । जैसे कि 30 % और शराब , 30-35 % असंतुलित भोजन , 18 20 % पुराना इन्फैक्शन , 18-20 % हार्मोन , 2 % कब्ज , 1 % प्रदुषण ।
प्लास्टिकः डाइऑक्सिन और बीपीए
प्लास्टिक के बर्तन , खासकर प्लास्टिक की बोतल , जिसमें पानी भरकर फ्रिज में ठंडा करके इस्तेमाल करने से भी कैंसर हो सकता है । Microwaving में भी प्लास्टिक के बर्तन के इस्तेमाल से खाने वाले पदार्थ में कैंसर पैदा करने वाले लवण होते हैं ।
Cancer in hindi
तम्बाकू से कैंसर
तम्बाकू व धूम्रपान ही सबसे ज्यादा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं । सिगरेट के धुएं से कैंसर पैदा करने वाले दो दर्जन से अधिक अलग अलग रसायन निकलते हैं । सिगरेट धूम्रपान ही फेफड़ों के कैंसर का मुख्य कारण है और साथ ही मुंह गला , घेघा , पेट , गुर्दे , और मूत्राशय सहित कई प्रकार के कैंसर पैदा करता है । अनुमान लगाया जाए तो धूम्रपान ही सबसे ज्यादा मौत का कारण बन रहा है । हर तीन कैंसर से होने वाली मौतों में से कम से कम एक के लिए जिम्मेवार धूम्रपान है ।
पैतृक कैंसर
कैंसर एक विरासत में मिली बीमारी नहीं मानी जाती , लेकिन शायद 80 से 90 प्रतिशत कैंसर रोग का कोई परिवार के इतिहास के साथ लोगों में होता है । हालांकि , स्तन कैंसर के बारे में 5 % कैंसर की बीमारी विरासत में मिली हुई मानी जाती है ।
कीटनाशक
स्तन कैंसर : DDT के साथ 5 गुणा खतरा और लिंफोमा और ल्यूकेमिया , किडनी और पाचक ग्रंथि का कैंसर , प्रॉस्टेट का कैंसर , मस्तिष्क
ट्यूमर : – खेतों में फसलों पर की जाने वाली कीटनाशक दवाएं ।
फेफड़े का कैंसर : – Diazinon Chlorpyriphos , Metolachlor , Pendimethalin
गर्भाशय का कैंसर : – कीटनाशकों के छिड़काव से 3 गुणा प्रभाव ।
बढ़ती उम्र में कैंसर के खतरे :
एक व्यक्ति उम्र में बड़ा हो जाता है , तब कैंसर की वृद्धि की संभावना भी बढ़ जाती है । उदाहरण के लिए 75 वर्षीय के एक व्यक्ति 25 वर्षीय व्यक्ति की तुलना में पेट के कैंसर का विकास 100 गुणा और बढ़ने की संभावना रहती है ।
शराब और सिगरेट का सेवन करने से भोजन नली के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है । शराब पीने से अत्याधिक मात्रा में कई प्रकार के कैंसर उत्पन होते है , जैसे मुंह , गला और घेघा ।
उन लोगों को बड़ा जोखिम उठाना पड़ता है , जो शराब और तम्बाकू का विशेष रूप से इस्तेमाल करते हैं । उदाहरण के लिए भारी वालों या भारी मात्रा में शराब पीने वालों में घेघा का कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है ।
जाहिर है कि तम्बाकू और शराब का इस्तेमाल करने से कैंसर के दो गुणा बढ़ने की उम्मीद बन जाती है ।
कैंसर के खतरे के सात संकेत –
* मूत्राशय और अंत में परिवर्तन ।
* गले में खराशा –
* असामान्य खून निकलना ।
* मोटा होना या स्तन में होना या कहीं भी गांठ हाना ।
* निगलने में बदहजमी या कठिनाई ।
* मस्सा या तिल में स्पष्ट बदलाव ।
* चिड़चिड़ापन , खांसी या आवाज का बैठना ।
कैंसर(cancer) की जांच
Cancer in Hindi:- कैंसर का जल्दी पता लगाने के लिए कुछ टैस्ट करवाए जाते हैं । टैस्ट में केसर पाया जाता है तो डॉक्टर ही निर्धारण करेगा कि कैंसर कितनी तेजी से बढ़ रहा है या कैसर शरीर की कोशिकाओं के पास ऊत्तकों ( Tissue ) या शरीर के अन्य भागों में न फैल गया हो कुछ मामलों में कैंसर से मरने का यही कारण होता है । इसलिए जल्दी पता लगाने के लिए डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए और उनके द्वारा बताए गए टैस्ट आदि करवाने चाहिए ।
टुकड़े की जांच
कैंसर का पता लगाने के लिए मरीज के शरीर में से छोटा – सा टुकड़ा या खून का सैम्पल लिया जाता है । इस जांच के बाद कैंसर का पता लगाया जाता है कि कैंसर है या नहीं ।
बच्चेदानी के मुंह का कैंसर के जांच
बच्चेदानी के मुंह के कैंसर का पैप टेस्ट के द्वारा जल्दी पता लगाया जा सकता है । महिलाओं में 75 % मृत्यु का यही कारण होता है ।
गदूद और अंडकोष के कैंसर की जांच
अमेरिका खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने 50 वर्ष से ज्यादा उम्र के व्यक्तियों के लिए प्रोस्टेट कैंसर का पता लगाने के लिए पीएसए जांच के लिए मंजूरी दे दी है , जिससे प्रोस्टेट कैंसर का पता लगाया जा सकता है ।
पेट के कैंसर की जांच
मल में खून का आना या रिसाव कई बीमारियों का लक्षण है , लेकिन एक कोलोनोस्कापी टैस्ट के द्वारा पता लगाया जा सकता है कि कैंसर है और कितना फैला हुआ है ।
कैंसर का उपचार :
कीमोथेरेपी , शल्य चिकित्सा , रेडियोथेरेपी द्वारा कैंसर का उपचार संभव है ।
कैंसर को रोकने के लिए 10 युक्तियां :
1. धूम्रपान न करें ।
2. अच्छी तरह से स्थानीय और जैविक खाद्य से तैयार वस्तुएं ही खाएं ।
3 नियमित रूप से व्यायाम करें ।
4. तरल पदार्थों की सफाई रखें ।
5. माइक्रोवेव के लिए प्लास्टिक से बचें ।
6. नॉन स्टिक कुकवेयर में तैयार भोजन खाने से बचें ।
7. एक्स – रे , ईएमआर ( विद्युत चुंबकीय विकिरण ) , मोबाइल फोन से अनावश्यक विकिरण से बचें ।
8. स्वस्थ घर की सजावट के लिए अच्छी सामग्री ही चुनें ।
9. विषैले सामान को न खरीदें , न इस्तेमाल करें ।
10. अपने आस – पास सफाई का विशेष ध्यान रखें ।
करवाएं नियमित जांच
40 वर्ष तक सभी
साल में एक बार शारीरिक जांच करवानी चाहिए ।
साल में एक बार दंत चिकित्सा करवानी चाहिए ।
आंखों की जांच करवानी चाहिए ।
ब्लड प्रेशर की जांच करवानी चाहिए । •
कोलेस्ट्राल की जांच करवानी चाहिए ।
40 वर्ष से अधिक ( महिलाएं )
हर महीने स्तन की खुद जांच करें और साल में एक बार स्त्री रोग विशेषज्ञ की सलाह लें ।
स्तन के कैंसर का पता लगाने के लिए Mammogram करवाएं ।
40 साल की उम्र से अधिक सभी महिलाओं को हड्डियों की जांच करवानी चाहिए ।
बच्चेदानी के मुंह के कैंसर का पता लगाने के लिए ( पैप स्मीयर ) जांच करवाएं
40 वर्ष से अधिक ( पुरुष )
प्रांस्टैट ग्रंथि के कैंसर की जाँच ।
साल में एक बार अल्ट्रासाउंड करवाएं ।
40 साल की उम्र से अधिक सभी पुरूषो को हड्डियों की जांच करवानी चाहिए ।
10 साल में एक बार Colonscopy / ! colonscopy वास्तविक में मिलनी चाहिए ।
यह भी पढ़ें।
[…] कभी कैंसर हुआ […]