Chane ke fayde: अनाजों में चना एक पौष्टिक खाद्यान्न है । और चने के फायदे भी बोहोत होते है। इसे अंग्रेजी में ग्राम ( CHICKPEAS ) व संस्कृत में चणक ‘ या ‘ हरिमन्थ ‘ कहते हैं । अन्य भाषाओं में यह हरबरा ‘ , ‘ रहिला ‘ , ‘ छोला ‘ जैसे नामों से भी जाना जाता है । इसका वनस्पतिक नाम ‘ साइसर एराइटेनम ‘ है । यह वनस्पति विज्ञान के फेबिएसी कुल से संबंधित है ।
ये सभी चने के फायदे है | Chane ke fayde
आमतौर पर चना दो प्रकार का होता है- काबुली चना और काला चना । काबुली चना पित्तनाशक व बल बढ़ाने वाला होता है । चने की हरी पत्तियों में गैलिक एसिड होता है ।
इसके अलावा इसकी पत्तियों में नमी ( जल ) 60 प्रतिशत , 8.4 प्रतिशत प्रोटीन , 0.31 प्रतिशत कैल्शियम होता है । इनमें लोहा व फास्फोरस भी थोड़ी मात्रा में मिलता है । अच्छे स्वास्थ्य के लिए अंकुरित चनों का सेवन करना लाभकारी होता है ।
मिस्सी रोटी बनाने के लिए चनों का प्रयोग अधिक करने से कब्जरोगियों का एक उत्तम भोजन बनता है । इस प्रकार की रोटियो को धीमी आग पर पकाना विशेष लाभप्रद होता है । ये सभी चने के फायदे (Chane ke fayde) है।
चने की दाल का फायदा | Chane ki daal ke fayde
चनो की तरह चने की दाल भी पौष्टिक होती है । इसी कारण इस दाल को पौष्टिक आहार कहा गया है ।
चने की दाल का रसायनिक संगठन हरे चनों से इस प्रकार भिन्न होता है ।
नमी 10.1 प्रतिशत , प्रोटीन 24.5 प्रतिशत , वसा 1.2 प्रतिशत , मिनरल्स 3.5 प्रतिशत , फाइबर 0.8 प्रतिशत , कार्बोहाइड्रेटस 59.9 प्रतिशत , कैल्शियम 75 मिलीग्राम , फॉस्फोरस 405 मिलीग्राम , आयरन 8.5 मिलीग्राम व थोड़ी मात्रा में विटामिन बी काम्पलेक्स और ऊर्जा 348 कैलोरी ।
चने का बेसन भी है फायदेमंद | Chane ke besan ke fayde
चनों को बेसन के रूप में पीसकर मुलतानी मिट्टी व गुलाबजल के साथ मिलायें । इससे चेहरे की हल्के हाथ से मालिश करें । मुंहासों में लाभ होगा ।
चौबीस घंटे चनों को पानी में भिगोयें । इस पानी से चने अलग करके घी में पानी को छौंककर पीएं । इससे मस्तिष्क की कमजोरी दूर होगी ।
महिलाओं के श्वेत प्रदर रोग में भुने वनों को बारीक करके शुद्ध घी और शक्कर के साथ मिलाकर खिलाना लाभकारी होता है ।
काले चने के फायदे | Kaale chane ke fayde
अंकुरित होकर चने के दाने फाइबर से भरपूर , पाचक और पोषक हो जाते हैं । मोटापा घटाने के लिए नाश्ते में चना और चाय लें ।
अंकुरित चना तीन वर्ष तक खाते रहने से कुष्ट रोग में लाभ होता है । 250 ग्राम चने को एक किलो पानी में रात को भिगो दें । चांदनी रात हो तो इन्हें चांदनी में रखें ।
प्रात इनको इतना उबालें कि चौथाई पानी रह जाए।इस पानी को पीने से शारीरिक शक्ति बढ़ती है । प्रात अंकुरित चने का नाश्ता प्रत्येक परिवार को करना चाहिए ।
गुर्दे या मुत्राशय में पथरी हो तो रात को चने की दाल एक मुही शहद भिगो दें . सुबह इस दाल में मिलाकर खाएं । केवल चने की रोटी दस दिन तक खाते रहने से पेशाब में शक्कर आना बंद हो जाता है ।
गर्भवती को उल्टी हो तो भुने हुए चने का सतू पिलाएं । डॉक्टरों का कहना है कि चने में बहुत प्रोटीन होता है , जो आपके शरीर के लिए बेहद जरूरी है ।
चना आपकी पाचन शक्ति को संतुलित और दिमागी शक्ति को भी बढ़ाता है । चने से खून साफ होता है , जिससे आपकी त्वचा निखरती है ।
चने के साग के भी है फायदे | Chane ke saag ke fayde
चने के साग को सुखाकर मई – जून के महीनों में पानी भिगोकर भली प्रकार से मलकर – छानकर , शक्कर के साथ लू से पीड़ित व्यक्ति को पिलाने सेलू का असर कम होने लगता है ।
गर्मियों में प्रातकाल चने के साग का शर्बत पीने से सारा दिन ठंडक बनी रहती है । इसमें इलायची का प्रयोग छौंक के रूप में किया जा सकता है ।
कच्चे चनों को भिगोकर दूध पिलाने वाली माआं को खिलाये । इससे उनके दूध में वृद्धि होती है ।
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