घर के बड़ो की इज्जत करें | Respect Your Elders in Hindi

घर के बड़ो की इज्जत
Image by Pixabay

Respect Your Elders: दादी की देखभाल में किंचित कमी पर जब पोती ने अपने पिता को डांट लगाई तो पिता एक अनिर्वचनीय आनंद से भर उठे ।

उन्हें अपनी बेटी पर गर्व हुआ । कितना ध्यान रखती है अपनी दादी का ! कितने अच्छे संस्कार हैं हमारी बच्ची में ! आख़िर कहां से आए ये संस्कार कि बड़ों की सेवा करना , उनकी आज्ञा का पालन करना , सबको सहयोग देना और बच्चों को प्यार करना ।

Respect Your Elders in Hindi

ये सभी संस्कार मिलते हैं घर के बड़े बूढ़ों , घर के बुजुर्गों से जिस घर में बड़े – बूढ़े अथवा बुजुर्ग नहीं , वो घर घर नहीं । परिवार में बुजुर्ग व्यक्ति / व्यक्तियों का महत्त्वपूर्ण स्थान है , इसमें संदेह नहीं ।

सबसे पहले इस बात पर विचार करते हैं कि एक बुजुर्ग व्यक्ति से क्या तात्पर्य है । एक बुजुर्ग व्यक्ति की उम्र कम भी हो सकती है और ज़्यादा भी ।

पचपन साठ साल का व्यक्ति भी बुजुर्ग की श्रेणी में आ सकता है तो अस्सी – पिचासी साल या उससे ज़्यादा उम्र का व्यक्ति भी । दोनों की कार्य क्षमता में काफी अंतर हो सकता है । इसका उलटा भी हे . सकता है ।

उम्र का भी कोई हिसाब नहीं । अस्सी- पिचासी साल या उससे ज़्यादा उम्र के व्यक्ति की क्षमता पचपन – साठ साल के व्यक्ति की क्षमता से अधिक भी हो सकती है ।

क्षमतावान या अपेक्षाकृत सक्रिय बुजुर्ग व्यक्ति परिवार के लिए उपयोगी तथा कम सक्रिय बुजुर्ग व्यक्ति को अगर परिवार पर बोझ मान लिया जाता है जो एक दम ग़लत है ।

इसका यह अर्थ भी नहीं है कि कम सक्रिय होने पर वो कम महत्त्वपूर्ण है । बुजुर्ग व्यक्ति चाहे वो जिस श्रेणी में आता हो , परिवार के लिए हर दृष्टि से महत्त्वपूर्ण होता है ।

यह हमारे अपने हित में भी है । क्योंकि बुजुर्गों की मात्र उपस्थिति भी हमारे लिए महत्त्वपूर्ण होती है । बुजुर्गों की उपस्थिति में परिवार में अपेक्षाकृत अधिक अनुशासन बना रहता है जो परिवार के सभी सदस्यों के हित में होता है ।

जिन घरों में बड़े – बुजुर्ग होते हैं , उन घरों के बच्चों में मनमानी देखने में नहीं आती । ऐसे घरों के बच्चे आज्ञाकारी व बड़ों का आदर – मान करने वाले होते हैं

घर में बुजुर्गो के रहने के कुछ फायदे | Ghar me Elders ke rehne ke fayde in Hindi

Respect Your Elders
Image by Pixabay

Respect Your Elders in Hindi

विषम परिस्थितियों में बुजुर्गों के अनुभव काम में आते हैं जिससे परिवार के सदस्य अनेकानेक कठिनाइयों से बच जाते हैं।

जहां पति और पत्नी दोनों नौकरी करते हों , वहां बड़े – बुजुर्गों की उपस्थिति सहायक होती है ।

बुजुर्गों के सहयोग से छोटे बच्चों का पालन- पोषण और भावनात्मक विकास अच्छी प्रकार से संभव होता है ।

घर चौबीसों घंटे खुला रहता है ।

जो बच्चे दादा – दादी या नाना – नानी के साथ रहते हैं व उनके साथ खाते – पीते और खेलते कूदते हैं और इस तरह वे ज्यादा स्वस्थ रहते हैं ।

स्वाभाविक है कि बुजुर्ग ज़्यादा व्यावहारिक होते हैं और उनका असर पोते – पोतियों पर भी पड़ता है । अतः दादा – दादी या नाना – नानी के साथ रहने वाले बच्चे भी ज़्यादा व्यावहारिक और संतुलित होते हैं।

घर के बुजुर्ग जो किस्से – कहानियां और अनुभव की बातें सुनाते – बताते हैं उनसे बच्चों का मार्गदर्शन होता है जो उनके सर्वांगीण विकास में सहायक होता है ।

घर में विषम अथवा तनावपूर्ण स्थिति होने पर बुजुर्ग उसे आसानी से संभाल लेते हैं । बुजुर्गों के सहयोग अथवा मार्गदर्शन के अभाव में स्थिति विस्फोटक हो सकती है । अतः बुजुर्गों का साथ बहुत महत्त्वपूर्ण होता है ।

जिन घरों में बड़े – बुजुर्ग होते हैं उनके कारण उनके पड़ोसियों से भी अच्छे संबंध विकसित हो जाते हैं जिससे सामाजिकता का विकास संभव होता है

बड़े – बुजुर्गों की देखभाल करना वैसे भी पुण्य का काम है । बड़े – बुजुगों की देखभाल व सेवा करने से असीम आनंद की प्राप्ति होती है जिससे न केवल उनका स्वास्थ्य अच्छा होता है अपितु सेवा करने वाले को भी ख़ुशी होती है । इसमें संदेह नहीं कि इसी खुशी में हम सबका उत्तम स्वास्थ्य भी निहित है ।

वैसे भी आप जो कुछ कर रहे हैं , वही निकट भविष्य में आपके साथ होने वाला है । यदि आप अपने बच्चों को दादा – दादी या नाना – नानी से दूर रखेंगे , उनकी उपेक्षा करेंगे तो यही संस्कार आपकी अगली पीढ़ी में संक्रमित होने अवश्यं भी हैं ।

बड़े – बुजुर्गों की उपेक्षा कर हम स्वयं हर प्रकार से अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारेंगे , जबकि उनकी सेवा – सत्कार (Respect Your Elders) से न केवल अपने कर्तव्य का पालन कर आत्मसम्मान की अनुभूति से ओतप्रोत रहेंगे अपितु एक सुसंस्कृत परिवार के सदस्य और संचालक होने का आनंद भी उठाएंगे । बुजुर्ग घर के नाकारा सदस्य नहीं , वे परिवार की रीढ़ होते हैं । घर में बड़े बुजुर्गों का न होना सचमुच एक अभिशाप है । बुजुर्गों का साथ मिलना एक दैवी अनुकं से किसी भी तरह कम नहीं ।

रिश्तों में प्यार कैसे बनाए | Risto me pyar kaise banaye in hindi

Respect Your Elders
Image by Pixabay

हर रिश्ता प्यार और विश्वास पर टिकता है । भले ही रिश्ता पति – पत्नी का हो , मां बेटी , मां बेटे , पिता पुत्र , भाई – भाई , भाई बहन , बहन – बहन , ननद भाभी या दोस्ती का है , हर रिश्ते की इमारत प्यार की नींव पर टिकी होती है , पर कभी कभी ऐसी स्थिति आ जाती है जब रिश्तों में कोई छोटी सी गलतफहमी प्यारे – से रिश्ते में दूरियां बढ़ा देती है । तब इंसान आपसी प्यार और विश्वास को भूल जाता है । ऐसे में अगर हम कुछ तरीकों को आजमा कर उस रिश्ते को बचा सकें तो बेहतर होगा और समस्याएं सत्य के साथ खुद सुलझ जाएंगी ।

रिश्तों में प्यार बढ़ाने के कुछ तरीके | Riston me pyar badane ke kuch tareeke in hindi

समझें रिश्ते को :

कोई भी रिश्ता क्यों न हो , अगर हम उस रिश्ते की गरिमा को बना कर रखे तो रिश्ता महकता रहेगा । जहां हमने रिश्ते में नासमझदारी दिखाई तो रिश्ता पैदा होते हैं । अगर हम शांत मन से बात को सुलझाएंवो दरकते देर नहीं लगती । विचारों में मेलन मिलने से मतभेद शायद गलतफहमियां दूरहो जाएगी और एक दूसरे केमन को समझने में मददभी मिलेगी । इसलिए मतभेद होने पर साथ बैठकर बात कर हमारी समझ रिश्ते के प्रति और जागरूक हो सकती है

सुनें दूसरे की भी-

हर कोई चाहता है जो मैं बोलूं , समने वाला उसे सुनें और रिस्पांस भी दे।वह चाहता है कि उसकी हर बात को गंभीरतापूर्वक सुनाजाए और इस पर एक्ट भी किया जाए । चाहे स्वयं बड़ी बातें बोले , अगर सामने वाला उसे टोक देतो अपमानित महसूस होता है । अगर सामने वाला कुछ कहे तो उसे भी सुनने की आदत डालें । इससे आपके रिश्तों में सुधार अधिक होगा और आपस में अच्छी तरह समझने की आदत भी पड़ेगी । इसलिए दूसरों की सुनने की आदत डालें । सामने वाले को भी अवसरदें कि वह भी अपनी बात आप तक पहुंचा सके ।

मुस्कुराते रहें :

कहा जाता है एक प्यारी मुस्कान किसी भी काम को आसान बना देती है । मीठी मुस्कान और मीठी वाणी से दूसरों को अपना बनाने की कला सीखें स्वयं को उदार बनाएं , दिल खोलकर लोगों की प्रशंसा करें । उनके टेलेंट और उपलब्धियों को सराहें । ऐसा करने से सारी कड़वाहट और खटास दूर हो जाएगी ।

बहस को आपसी संबंधों में स्थान न दें

बहस संबंधों को सुधारने के स्थान पर बिगाड़ती है , क्योंकि जबभी बहस शुरू होती है तो दोनों पक्ष अपनी बात सही साबित करने की पूरी कोशिश करते हैं । वे किसी भी हद तक जा सकते हैं । ऐसे में माहौल और संबंध दोनों खराब होते हैं , और कही गई कड़वी बातें जख्म छोड़ जाती हैं । इसलिए बहस के दौरान जब भी लगे गर्मागर्मी बढ़ रही है , तो शांत हो जाएं या वहां से चले जाएं । गलती न होने पर भी माफी मांगने से संकोच न करें । बाद में शांति से अपनी बात रखें।

लेन देन में भी रखें ध्यान :

लेन देने संबंधों मेंमधुरता ते लाता हैपरकभी कभी कड़वहटका कारण भी बन जाता है । उधार आपसी प्यार की कैची की तरह कुतरखलता है । इसलिए लेन देन उतना ही रखें जितना आपके क्स में हो । सामने वाले से भी उतना ही लें , जितना आपकी लौटाने की क्षमवा हो ।

जो आप दे रहे हैं , बदलेमें लेने की भावा नरखें।अगरकी आपने किसी के काम के लिए समय निकाला है या कुछ एक्सट्रा मेहनत की हैतो उससे बदले की अपेक्षा नरखें अगरदुसरेने यहसब आपके लिए किया है तो अहसानमंद रहें औरसमय पर आप भी मदद करें । अगर आप कुछ दूसरे के लिए अच्छा करते हैं तो सामने वाला स्वयं नी आपके साथ अच्छा बर्ताव करने लगेगा ।

अपनी भावनाएं भी व्यक्त करें :

मन में यह सोचना कि सामने वला आपके मन की बात स्वयं पढ़ ले और आपके मन के मुताबिक बात या काम करे तो यह सोच गलत है । आपको जो चाहिए , उसे बोलिये । अगर बोलेंगे नहीं और मन ही मन कुढ़ते रहेंगे तो ये भाव चेहरे पर आ जाएंगे और संबंध सुधरने के स्थान पर बिगडेगही । इसलिए हिटन दें , साफ साफ मुस्कुरा कर मांग लें । अगर अपनी भावना उजागर नहीं करेंगे और मन ही मन उसे दवा दो तो तनाव बढ़ेगा । खुलकर बात कर ही तनावमुक्त रह सकते है

विश्वास बनाएं :

विश्वास रिश्तों की नीव है इस नीव को हिलने दें । जहां अविश्वास हुआ वहां रिश्ते दरकने में देर नहीं लगेगी । लेगों को विश्वास में लीजिए । एक बार जब उन्हें आप पर भरोसा हो जाएगा तो रिश्ते खुद बखुद सुधरने लगेंरे ।

यह भी पढ़ें।

* Mahatma Gandhi Essay in Hindi | महात्मा गाँधी पर निबंध |

* Essay on Spring Season in Hindi | वसंत ऋतू पर निबंध

* Essay on Pollution in Hindi | Pradusan par Essay | प्रदूषण पर निबंध

* Monsoon in Hindi | मानसून (बरसात) के बारे में जानकारी

* Tiger in Hindi | India National Animal in Hindi | बाघ के बारे में पूरी जानकारी

No Responses

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *