मोती की खेती (Moti ki Kheti):- ये तो आप लोग जानते ही होंगे की मोती क्या होता है अगर नहीं जानते तो मै आपको बता दू की मोती एक गोल आकार का द्रव होता है जिसे लोग ज्वेलरी बनाने के लिए प्रयोग करते है लेकिन आपने ये कभी सोचा है की मोती कैसे बनते हैं? (Moti Kaise Bante hai) तो आज मै आपको बताता हूँ की
मोती कैसे बनते हैं? | Moti Kaise Bante hai in Hindi
ये तो हम सब जानते है कि मोती सीप में बनता है । सीप का घर समुद्र के गहरे पानी में होता है । लेकिन सवाल ये है कि मोती सीप में पहुंचता कैसे है और फिर वहां कैसे बनता है ? तो यूं समझें कि सीप घोंघे का घर हैं , जिसमें वो सुख – शांति से रहता है ।
फिर कभी – कभी ऐसा भी होता है कि सीप में कोई बाहरी तत्व जैसे रेत का कोई कण जब प्रवष्टि हो जाता है , जो घोंघे के लिए परेशानी भरा होता है जब घोंघा रेत के कण को बाहर नहीं निकाल पाता , तो उसे एडजस्ट करने की कोशिश करता है ।
इस कोशिश में वह एक चिकना द्रव छोड़ने लगता है , जो उस रेत के कण के इर्द – गिर्द परत – दर – परत इकट्ठा होता रहता है । यही द्रव धीरे – धीरे जमने लगता है और ‘ मोती ‘ का रूप लेता है ।
लेकिन ये हमेशा जरूरी नहीं है कि उसका आकार गोल ही हो , वो पके चावल के दाने जैसा भी हो सकता है या बटन की तरह चपटा भी हो सकता है या अंडाकार भी हो सकता है ।
इसके अलावा कुछ बेडोल आकार के भी मोती बन जाते हैं मोती का सफेद होना भी जरूरी नहीं है । कई बार तो यह गुलाबी रंग का होता है और कई बार बैंगनी या काला भी हो सकता है । लेकिन अधिकतर मोती का रंग सफेद ही होता है ।
मोती की खेती कैसे होती है? | Moti Ki Kheti Kaise Hoti Hai in Hindi
ये तो हुई मोती (Moti) बनने की प्राकृतिक प्रक्रिया । मोती बनाने की खेती (Moti ki Kheti) भी की जाती है । इसकी भी प्रकिया तो वैसी ही होती है , बस घोंघे में किसी बाहरी कण को सर्जरी करके प्रविष्ट करवाया जाता है ।
इसे ‘ मोती कल्चर ‘ करना कहा जाता है । खारे पानी के मोती दुनिया के महंगे मोतियों में से होते हैं । एक खास किस्म की सीप में ही मोती का विकास होता है
फिर ऐसा भी नहीं होता कि उस खास किस्म की हरेक सीप में से मोती निकलता है । उनमें से आधी सीप में ही मोती बन पाता है । कई बार मोती पूरा नहीं बनता , कई बार उसे कोई बीमारी हो जाती है और घोंघा ही मर जाता है ।
मोती (Moti) के बनने में 4 से 6 साल तक का समय लगता है । इन्हीं वजहों से मोती महंगा होता है । ‘ कल्चर मोती ‘ के साथ भी यही होता है ।
होता यह है कि आखिर में घोंघा उस बाहरी कण से मुक्ति पाने के चक्कर में खुद भी खत्म हो जाता है ।
इस तरह जो मोती हमारी शांति , शीतलता और खूबसूरती बढ़ाता है , वो असल में एक घोंघे की परेशानी और उसके बलिदान का परिणाम होता है ।
Conlusion
उम्मीद है आपको हमारी ये पोस्ट मोती की खेती (Moti ki Kheti) जरूर पसंद आयी होगी इस पोस्ट में हमने मोती से जुडी सभी जानकारी डिटेल में दी है इसमें हमने बताया है की मोती कैसे बनते है, मोती की खेती कैसे की जाती है, मोती कहाँ से मिलते है इन सभी सवालो के जवाब आपको इस पोस्ट में मिल जायेंगे अगर आपको हमारी ये पोस्ट मोती की खेती (Moti ki Kheti) पसंद आये तो आप इसे शेयर और कमेंट जरूर करें।
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