ताज महल | Taj Mahal Information in Hindi
Taj Mahal Information in Hindi: ताज महल प्रत्येक वर्ष 20 से 40 लाख दर्शकों को आकर्षित करता है , जिसमें से 200,000 से अधिक विदेशी होते हैं । अधिकतर पर्यटक यहां अक्टूबर , नवंबर एवं फरवरी के महीनों में आते हैं
इस स्मारक के आसपास प्रदूषण फैलाते वाहन प्रतिबन्धित हैं पर्यटक पार्किग से या तो पैदल जा सकते हैं , या विद्युत चालित बस सेवा द्वारा भी जा सकते हैं ।
खवासपुरास को पुनस्थापित कर नवीन पर्यटक सूचना केन्द्र की तरह प्रयोग किया जाएगा । ताज महल के दक्षिण में स्थित एक छोटी बस्ती को ताजगंज कहते हैं ।
पहले इसे मुमताजगंज भी कहा जाता था । यह पहले कारवां सराय एवं दैनिक आवश्यकताओं हेतु बसाया गया था । प्रशंसित पर्यटन स्थलों की सूची में ताजमहल सदा ही सर्वोच्च स्थान लेता रहा है यह सात आशर्यों की सूची में भी आता रहा है ।
अब यह आधुनिक विश्व के सात आश्चर्यों में प्रथम स्थान पर है । यह स्थान विश्वव्यापी मतदान से हुआ था । जहां इसे दस करोड़ मत मिले थे ।
सुरक्षा कारणों से केवल पांच वस्तुएं – पारदर्शी बोतलों में पानी , छोटे वीडियो कैमरा , स्थिर कैमरा , मोबाइल फोन एवं छोटे महिला बटुए – ताजमहल में ले जाने की अनुमति है ।
ताज महल का इतिहास | History of Taj Mahal in Hindi
ताज महल भारत के आगरा शहर में स्थित एक विश्व मकबरा है । इसका निर्माण मुगल सम्राट शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में करवाया था । ताज महल मुगल वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना है ।
इसकी वास्तु शैली फारसी , तुर्क , भारतीय एवं इस्लामिक वास्तुकला के घटकों का अनोखा सम्मिलन है । सन् 1976 में ताजमहल युनेस्को विश्व धरोहर स्थल बना ।
इसके साथ ही इसे विश्व धरोहर के सर्वत्र प्रशंसा पाने वाली , अत्युत्तम मानवी कृतियों में से एक बताया गया । ताजमहल को भारत की इस्लामी कला का रन भी घोषित किया गया है ।
साधारणतया देखे गये संगमरमर की सिल्लियों की बड़ी – बड़ी पर्तों से ढंक कर बनाई गई इमारतों की तरह न बनाकर इसका श्वेत गुम्बद एवं टाइल आकार में संगमरमर से ढंका है केन्द्र में बना मकबरा अपनी वास्तु श्रेष्ठता में सौन्दर्य के संयोजन का परिचय देते हैं ।
ताजमहल इमारत समूह की संरचना की खास बात है कि यह पूर्णतयः सममितीय है । उस्ताद अहमद लाहौरी को प्रायः इसका प्रधान रूपांकनकर्ता माना जाता है यमुना नदी के तट पर स्थित ताज महल को बनाने लगभग 20 वर्ष का समय लगा था ।
1631 में ताजमहल का निर्माण कार्य शुरू हुआ था और 1653 में कहीं जाकर यह पूरी तरह से बनकर तैयार हो सका । इसे बनवाने के लिए राजस्थान के मकराना से सफेद संगमरमर मंगवाया गया था ।
इसकी नींव और दरवाजों पर लगे बलुआ पत्थरों को फतेहपुर सीकरी से मंगवाया गया था ताजमहल में की गई बेहद बारीक नक्काशी और सजावट जैसा अन्य उदाहरण मिलना संभव नहीं है
इसमें की गई फूल और पत्तियों की नक्काशियां एकदम सजीव प्रतीत होती हैं । इसकी सजावट में अनेक बहुमूल्य रत्नों का भी प्रयोग किया गया है ।
कहा जाता है कि ताजमहल जैसा खूबसूरत स्मारक कहीं और न बन सके इसलिए शाहजहां ने इसके कारीगरों के हाथ कटवा दिए थे और जीवन – भर उनके परिवार का पालन पोषण किया था ।
42 एकड़ में फैले ताजमहल की इस भव्य इमारत को देखने के लिए दुनियाभर से लोगों का आना जाना लगा रहता है । चांदनी रात में इसकी सुंदरता में और निखार आ जाता है ।
ताजमहल के निचले तल में मुमताज महल की कब्र बनी है । बाद में शाहजहां की कब्र को भी यहां बनाया गया । ताज महल का केन्द्र बिंदु है एक वर्गाकार नींव आधार पर बना श्वेत संगमरमर का मकबरा ।
यह एक सममितीय इमारत है , जिसमें एक ईवान यानि अतीव विशाल वक्राकार ( मेहराब रूपी ) द्वार है । इस इमारत के ऊपर एक वृहत गुम्बद सुशोभित है । अधिकतर मुगल मकबरों जैसे , इसके मूल अवयव फारसी उद्गम से हैं ।
इसका मूल – आधार एक विशाल बहु कक्षीय संरचना है । यह प्रधान कक्ष घनाकार है , जिसका प्रत्येक किनारा 55 मीटर है । लम्बे किनारों पर एक भारी – भरकम पिश्ताक , या मेहराबाकार छत वाले कक्ष द्वार हैं ।
यह ऊपर बने मेहराब वाले छज्जे से सम्मिलित है । मकबरे पर सर्वोच्च शोभायमान संगमरमर का गुम्बद , इसका सर्वाधिक शानदार भाग है ।
इसकी ऊंचाई लगभग इमारत के आधार के बराबर , 35 मीटर है , और यह एक 7 मीटर ऊंचे बेलनाकार आधार पर स्थित है । यह अपने आकारानुसार प्रायः प्याज – आकार ( अमरूद आकार भी कहा जाता है ) का गुम्बद भी कहलाता है ।
इसका शिखर एक उलटे रखे कमल से अलंकृत है । यह गुम्बद के किनारों को शिखर पर सम्मिलन देता है । गुम्बद के आकार को इसके चार किनारों पर स्थित चार छोटी गुम्बदाकारी छतरियों से और बल मिलता है ।
छतरियों के गुम्बद , मुख्य गुम्बद के आकार की प्रतिलिपियां ही हैं , केवल नाप का फर्क है । इनके स्तम्भाकार आधार , छत पर आंतरिक प्रकाश की व्यवस्था हेतु खुले हैं ।
संगमर्मर के ऊंचे सुसज्जित गुलदस्ते , गुम्बद की ऊंचाई को और बल देते हैं । मुख्य गुम्बद के साथ – साथ ही छतरियों एवं गुलदस्तों पर भी कमलाकार शिखर शोभा देता है ।
मुख्य आधार के चारों कोनों पर चार विशाल मीनारें स्थित हैं । यह प्रत्येक 40 मीटर ऊंची है । यह मीनारें ताजमहल की बनावट की सममितीय प्रवृत्ति दर्शित करती हैं ।
यह मीनारें मस्जिद में अजान देने हेतु बनाई जाने वाली मीनारों के समान ही बनाई गई हैं प्रत्येक मीनार दो – दो छज्जों द्वारा तीन समान भागों में बंटी है ।
मीनार के ऊपर अंतिम छज्जा है , जिस पर मुख्य इमारत के समान ही छतरी बनी हैं । इन पर वही कमलाकार आकृति एवं किरीट कलश भी हैं ।
इन मीनारों में एक खास बात है , यह चारों बाहर की ओर हलकी सी झुकी हुई हैं , जिससे कि कभी गिरने की स्थिति में हों तो यह बाहर की ओर ही गिरें , एवं मुख्य इमारत को कोई क्षति न पहुंच सके ।
कैसे पहुंचें ताजमहल तक | Taj Mahal kaise pahuche
आगरा उत्तर प्रदेश का तीसरा सबसे बड़ा शहर है । आगरा , दिल्ली से लगभग 200 किमी . दूर है । आप ट्रेन , बस या हवाई जहाज आदि किसी भी तरीके से यहां पहुंच सकते हैं ।
रेलवे स्टेशन , बस स्टैंड या हवाई अड्डे से आप कोई टैक्सी आदि लेकर ताज महल में पहुंच सकते हैं ।
आप कोई भी टैक्सी बुक करके साथ में किसी गाईड की मदद से ताज महल के अलावा आगरा के अन्य पर्यटक स्थलों पर भी आसानी से घूम सकते हैं ।
निष्कर्ष
इस पोस्ट Taj Mahal Information in Hindi में हमने ताज महल के बारे में डिटेल से बताया है इसमें हमने ताज महल का इतिहास और ताज महल से जुडी सभी information पूरी डिटेल में दी है अगर आपको हमारी ये पोस्ट Taj Mahal Information in Hindi अच्छी लगे तो आप इसे शेयर और कमेंट जरूर करे