आखिर क्यों गिराए जा रहे ट्विन टावर

नोएडा के सेक्टर 93ए में आज आसमान छूती दो इमारतें मिट्टी में मिल जाएंगी। ट्विन टावर पर देशभर की निगाहें हैं

लेकिन अरबों की लागत से बने ट्विन टावर को क्यों ध्वस्त किया जा रहा है? आखिर ऐसी क्या गलती हो गई

यह उन सैकड़ों फ्लैट खरीदारों के जीत की गूंज होगी, जिन्होंने चंदा करके 10 साल तक कानूनी लड़ाई लड़ी और भ्रष्टाचार की बुनियाद पर खड़ी गगनचुंबी इमारत को जमीन पर ला दिया

ट्विन टावर को बनाने में सुपरटेक ने 200 करोड़ रुपए खर्च किए थे और 800 करोड़ रुपए की आमदनी की उम्मीद थी।

सुपरटेक को सेक्टर 93ए में 23 दिसंबर 2004 को एमरॉल्ड कोर्ट के नाम पर भूखंड आवंटित हुआ

फ्लैट खरीदारों ने इसके खिलाफ पहली बार मार्च 2010 में आवाज उठाई और लड़ाई इलाहाबाद हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक पहुंची

रविवार को दोपहर ढाई बजे जब ट्विन टावर में जब धमाका होगा तो यह उन सैकड़ों फ्लैट खरीदारों के जीत की गूंज होगी