मध्य प्रदेश के टूरिस्ट | Madhya Pradesh Tourist Place

Madhya Pradesh Tourist Place: भारत का ‘ हृदय प्रदेश ‘ कहलाने वाला मध्य प्रदेश अपने प्राकृतिक सौन्दर्य और सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है ।और मध्य प्रदेश के टूरिस्ट प्लेस जैसे प्राचीन दुर्ग , धार्मिक तीर्थ स्थल , प्राकृतिक रमणीय स्थल , राष्ट्रीय उद्यान आदि ऐसे अनुपम स्थल हैं जो प्रदेश को एक अनोखा सम्मान प्रदान करते हैं । पर्यटकों का स्वर्ग प्रदेश अपने नेचुरल सौंदर्य से टूरिस्ट के मन को प्रफुल्लित कर देता है

Madhya Pradesh Tourist Place

यहां मध्य प्रदेश के टूरिस्ट प्लेस | Madhya Pradesh Tourist Place

ग्वालियरः-

ऐतिहासिक दृष्टि से सदैव स्मरणीय ग्वालियर विशेष रूप से ऐतिहासिक दुर्ग के लिए प्रसिद्ध है । राजा सूरज सेन द्वारा बनवाया गया किला और राजा मानसिंह द्वारा अपनी प्रेमिका मृगनयनी के लिए निर्मित ‘ गूजरी महल ‘ दर्शनीय इनके अलावा महारानी सांख्यराजे सिंधिया की समाधि आकर्षक है । प्रसिद्ध संगीतज्ञ तानसेन और अकबर के गुरु मुहम्मद गौस का मकबरा भी ग्वालियर की शान है

उज्जैन : –

कुम्भ के पर्व के कारण प्रसिद्ध स्थल उज्जैन पौराणिक दृष्टि से भी प्रसिद्ध है । अवंतिका नगरी या उज्जयिनी के नाम से प्रसिद्ध यह शहर कभी भगवान कृष्ण की पाठशाला था ।

यह कभी कालिदास की नगरी , तो कभी राजा विक्रमादित्य की नगरी के नाम से जाना जाता रहा है । क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित महाकालेश्वर महादेव का विश्व – प्रसिद्ध मंदिर अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है ।

महाराजा जयसिंह द्वारा निर्मित जन्तर – मन्तर और गोपाल मंदिर अत्यन्त लुभावने हैं । इनके अतिरिक्त कालिदास महल , संदीपन आश्रम , मंगलनाथ का मंदिर भी दर्शनीय हैं ।

चित्रकूट : –

मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित यह स्थान धार्मिक महत्त्व के कारण प्रसिद्ध है । ऐसी किंवदन्तियां हैं कि ब्रह्मा , विष्णु और महेश ने इसी स्थान पर बाल अवतार लिया था ।

अपने वनवास के दौरान भगवान राम भी यहां कुछ समय रहे थे । महाकवि तुलसीदास द्वारा रचित रामायण में भी इस स्थान का उल्लेख मिलता है । अपने प्राकृतिक सौन्दर्य की वजह से यह स्थान अतिथियों को आकर्षित करने में सक्षम है ।

अमरकंटक : –

नर्मदा नदी का उश्वम स्थल और अत्यन्त रमणीय स्थल अमरकंटक पवित्र स्थान है । यहां दसवीं शताब्दी में बनवाए गए मंदिर दर्शनीय हैं । इसके अतिरिक्त कपिलधारा , दुग्ध प्रपात , सोनमुढ़ा , नर्मदा कुण्ड आदि स्थान अद्भुत है ।

सांची : –

झांसी स्टेशन के पास स्थित यह बौद्ध तीर्थ स्थल रमणीय है । सम्राट अशोक द्वारा निर्मित स्तूप अत्यन्त मनोहारी है । बीया धर्म का प्रचार करने के उद्देश्य से सपाट अशोक ने स्तूप , चैत्य , निर्माण करवाया था । मन्दिर और विहार आदि महत्वपूर्ण स्थानों का निर्माण करवाया था।

खजुराहो: –

चन्देल राजाओं द्वारा सन् 950 से 1050 ई के मध्य स्थापित भव्य मन्दिर हिन्दू स्थापत्य कला एवं शिल्प कला के उत्कृष्ट नमूने है । कभी इन विश्व प्रसिद्ध मंदिरों की संख्या 85 थी जो अब घटकर मात्र 25 रह गई है । मुख्य रूप से तीन समूहो , पश्चिमी समूह , पूर्वी समूह , दक्षिणी समूह में बंटे इन मंदिरों में चौंसठ योगिनी का मंदिर , जगदम्बा मंदिर , आदिनाथ पार्शवनाथ मंदिर आदि प्रमुख माने जाते हैं ।

महेश्वर:-

नर्मदा नदी के तट पर बसा यह नगर कभी महारानी अहिल्याबाई की राजधानी था । यहां सुन्दर किला और नौका विहार के लिए उत्तम व्यवस्था भी है । रेशमी साड़ियों के लिए प्रसिद्ध इस स्थान पर राजेश्वर मन्दिर , होल्कर परिवार की छत्रिया अत्यन्त मनभावन हैं । इस नगर से कुछ दूरी पर ओंकारेश्वर का मन्दिर स्थित है देश के बारह ज्योतिर्लिगों में से एक महादेव का यह मंदिर चमत्कारी भी है ।

केदारेश्वर : –

रतलाम से करीब बीस कि.मी. दूरी पर सैलाना में केदारेश्वर मंदिर दर्शनीय स्थल है । जमीन से करीब 150 फीट नीचे गहराई में झरनों के नीचे यह मन्दिर अत्यन्त रमणीय है यहीं स्थित है विश्व प्रसिद्ध केक्टस गार्डन । 1500 तरह के विभिन्न केक्टस यहां के राजा द्वारा आज तक सुरक्षित रखे गए है । विश्व प्रसिद्ध इस गार्डन को देखने में आत्मिक शांति का अनुभव होता है ।

भेड़ाघाट:-

भृगुमनि की तपस्या का यह स्थान उन्हीं के नाम से जाना जाता है । नर्मदा नदी के दोनों ओर सफेद संगमरमर के पर्वत , अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करते हैं । यहां पर्यटकों के लिए नौका विहार की व्यवस्था है जो पूर्णिमा की रात्रि में अपनी विशेषता लिए होती है , तब यह स्थान दूध समान प्रतीत होता है । इसके अतिरिक्त बन्दर कूटनी , चौसठ योगिनी मन्दिर व नन्दी पर आसीन शिव पार्वती की प्रतिमा यहां के अन्य दर्शनीय स्थल हैं।

पशुपतिनाथ मन्दिर : –

राजगढ़ जिले में विध्यपर्वत की 500 मीटर लंबी पहाड़ी पर स्थित भगवान महादेव का मन्दिर प्रसिद्ध है । इसमें पांच फीट ऊची शिव प्रतिमा स्थित है । इसे अत्यन्त प्राचीन मन्दिरों वाली श्रेणी में नहीं लिया जा सकता क्योंकि इसका निर्माण बिड़ला समूह द्वारा 1982 में करवाया गया है । पर्यटन की दृष्टि से यह स्थान अत्यन्त आकर्षक सिद्ध हुआ है ।

मध्य प्रदेश के कुछ और टूरिस्ट स्थल | Others Madhya Pradesh Tourist Place

इन प्रमुख स्थानों के अलावा मध्य प्रदेश में अनगिनत ऐसे स्थल भी हैं , जो प्रदेश की शोभा में चार चांद लगाते हैं । राष्ट्रीय उद्यान एवं अभ्यारण्य की दृष्टि से मध्य प्रदेश प्रमुख प्रदेश है ।

Others Madhya Pradesh Tourist Place: यहां 11 राष्ट्रीय उद्यान व 31 अभ्यारण्य हैं । इनमें कान्हा , कांकेर , पन्ना , बांधवगढ़ , सतपुड़ा आदि राष्ट्रीय उद्यान और पंचमढ़ी , अचानकमार , बादलखोल , गोमरघा , करेरा , सैलाना आदि प्रमुख अभ्यारण्य हैं ।

प्राचीन गुफाओं की श्रेणी में भी मध्य प्रदेश का स्थान प्रमुख है । इन गुफाओं में भर्तृहरि गुफाएं ( उज्जैन ) , बाघ गुफाएं ( माण्डू ) , उदयगिरि गुफाएं ( विदिशा ) आदि अत्यन्त रमणीय व मनभावन हैं । चित्रकूट , चचाई , धुआंधार कपिलधारा , पंचमढ़ी का जलप्रपात प्राकृतिक रमणीय स्थलों में महत्त्वपूर्ण स्थान रखते हैं ।

इनके अतिरिक्त कई ऐसी ऐतिहासिक दास्तानें मध्य प्रदेश अपने में दबाए हुए हैं , जो इसके महत्त्व को और भी गौरव प्रदान करती है । भारत का हृदय प्रदेश सैलानियों को आकर्षित करने वाला प्रमुख में प्रदेश है ।

इस प्रदेश में आकर पर्यटक जिस सुख शांति का अनुभव करते हैं , वह शब्दों में बयान करना मुश्किल है । इतना अवश्य कहा जा सकता है कि मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh Tourist Place) सैलानियों के लिए स्वर्ग समान है ।

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