Rajasthan festivals in hindi: भारत के पर्यटन में अपना विशेष स्थान रखता है । यहां का कल्चर व राजा – महाराजाओं के प्राचीन किले सैलानियों को अनायास ही अपनी ओर आकर्षित करते हैं । यह रेगिस्तान रेसले धोरों के कारण भी प्रसिद्ध है ।
आज भी पश्चिमी राजस्थान खासतौर से जैसलमेर व जोधपुर जिले के कुछ स्थानों पर जब हवा चलती है तो बालू मिट्टी , जिसे रेत भी कहते हैं , को पानी की लहरों की तरह एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाते हुए देखा जा सकता है ।
हालांकि राजस्थान नहर व नर्मदा से पानी आने और बाड़मेर में तेल के भण्डार के बाद क्षेत्र की तेजी से कायापलट होती जा रही है ।
राजस्थान फेस्टिवल | Rajasthan Festivals in Hindi
राजस्थान की संस्कृति
यहां की संस्कृति बहुत रिच है । यहां पर मनाए जाने वाले त्यौहार बहुरंगी संस्कृति की छटा बिखेरते हैं , जिनमें यहां के भोले – भाले लोगों की आत्मा बसती है ।
इसलिए यहां के त्यौहार सैलानियों को बहुत लुभाते हैं । यही कारण है कि इन त्यौहारों का हिस्सा बनना सैलानियों के लिए आनंददायक होता है और वे इनके आकर्षण में खिंचे चले आते हैं
शरद पूर्णिमा
राजस्थान के मनलुभावन त्यौहारों (Rajasthan Festival in hindi) में से एक है जोधपुर का ‘ मारवाड़ उत्सव ‘ । इसे देखने व मनाने के लिए विदेशों से भी लोग विशेष तौर पर यहां आते हैं ।
तो आइए आप को भी ले चलते हैं इस ‘ मारवाड़ उत्सव ‘ में , जो आश्विन के माह में मौसम अनुकूल रहने और शरद पूर्णिमा के अवसर पर जोधपुर में मौसम की अनुकूलता को देखते हुए आयोजित किया जाता है ।
चन्द्रमा की दूधिली रोशनी में रेतीले रेगिस्तान के ‘ मारवाड़ उत्सव ‘ का आनंद लेना अपने आपमें अनूठा अनुभव है । राजस्थान के पर्यटन विकास निगम द्वारा पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर में आश्विन मास की शरद पूर्णिमा के अवसर पर दो दिवसीय मारवाड़ उत्सव ‘ का आयोजन किया जाता है ।
इसमें स्थानीयवासियों के साथ ही देश – विदेश के पर्यटक पूरे उत्साह के साथ हिस्सा लेते हैं । इस अवसर पर देश – विदेश के हजारों पर्यटक आयोजित प्रतियोगिताओं व कार्यक्रमों का आनंद लेते हैं ।
Rajasthan Festivals in Hindi
इस बार जोधपुर में दो दिवसीय ‘ मारवाड़ उत्सव ‘ 26 और 27 अक्टूबर को मनाया जा रहा है । दो दिवसीय मारवाड़ उत्सव का शुभारंभ शोभायात्रा से होता है ।
गाजे – बाजे से परंपरागत तरीके से निकाली जाने वाली यह शोभा यात्रा जोधपुर के उम्मेद स्टेडियम से आरंभ होकर शहर के प्रमुख स्थलों से होते हुए वापिस उम्मेद स्टेडियम पर ही विसर्जित होती है ।
कला और संस्कृति ‘
मारवाड़ उत्सव ‘ में मारवाड़ की कला और संस्कृति से रुबरु होने का अवसर मिलता है । जोधपुर शहर की स्थापना 1459 में राव जोधा ने की थी । जोधा राजपूत अपने – आपको श्रीराम जी का वंशज मानते हैं ।
राव जोधा के नाम पर ही जोधपुर का नामकरण हुआ । जोधपुर के पास मंडोर जोधपुर राजाओं की राजधानी रही है । कुछ कार्यक्रम महार में भी आयोजित किए जाते हैं ।
पश्चिमी राजस्थान रेगिस्तानी इलाका है । जोधपुर जहां एक और रेगिस्तानी जिला होने के कारण प्रसिद्ध रहा है , वहीं राजपूती आन और बान के लिए भी अपनी पहचान रखता है ।
सामरिक दृष्टि से भी जोधपुर का अपना महत्व है । दो दिवसीय मारवाड़ उत्सव में देखा जाए तो रेगिस्तानी संस्कृति से साक्षात्कार कराने का प्रयास होता है
पर्यटकों की प्रतिभागिता
‘ मारवाड़ उत्सव ‘ में पर्यटकों की प्रतिभागिता सुनिश्चित करने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं । इस अवसर पर साफा बांधने की प्रतियोगिता होती है जिसमें कौन कितनी जल्दी व आकर्षक तरीके से परंपरागत साफा बांध सकता है ।
प्रतियोगिता मन मोह लेती है इसी तरह से मारवाड़ श्री का प्रतियोगिता में चयन होता है रस्साकसी , मटका दौड़ के साथ ही राजपूती शान की मूछ की प्रतियोगिता भी होती है । लोग तरह – तरह की आकर्षक मूंछ रखते हैं और प्रतियोगिता के दौरान हिस्सा लेते हैं ।
कैमल टैटू शो
जोधपुर में बीएसएफ का प्रमुख केन्द्र है । बीएसएफ के जांबाजों द्वारा ‘ मारवाड़ उत्सव के दौरान कैमल टैटू शो किया जाता है । यह भी अपने – आप प्रस्तुत में आकर्षक कार्यक्रम होता है , जिसमें बीएसएफ के जवानों द्वारा ऊंटों को आकर्षक तरीके से सजाने के साथ ही आकर्षक प्रस्तुतियां दी जाती हैं ।
लोक गीत व नृत्य
राजस्थानी लोक – कलाकारों द्वारा सायंकाल में लोक गीतों और लोक नृत्यों की आकर्षक मनमोहक प्रस्तुतियां , विश्वप्रसिद्ध लंगा कलाकारों की प्रस्तुतियां व परंपरागत सांस्क्रतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं ।
इसके साथ ही पर्यटन निगम द्वारा ग्रामीण खेलकूद प्रतियोगिता व ग्रामीण जनजीवन पर आधारित प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाता है । पर्यटकों को रेतीली धोरों पर रेगिस्तानी जहाज यानी ऊंट की सवारी भी करवाई जाती है ।
Rajasthan Festivals in Hindi
मिर्च बड़ा
शरद की गुनगुनी रात में मारवाड़ उत्सव का आनंद लेना अपने – आपमें अनूठा अनुभव होगा । जोधपुर में फाईव स्टॉर से लेकर सामान्य स्तर तक के होटल आदि उपलब्ध हैं । जोधपुर अपनी मनुहार और खान – पान के लिए भी प्रसिद्ध है
जोधपुर का ‘ मिर्च बड़ा ‘ अपने स्वाद के कारण पूरे देश में जाना जाता है । यहां मान – मनुहार की समृद्ध परंपरा है । जोधपुर के मारवाड़ उत्सव में हिस्सा लेकर इसे स्वयं देखा जा सकता है ।
कैसे पहुंचें जोधपुर देश के प्रमुख स्थानों से रेल , हवाई और सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है । राजस्थान की राजधानी जयपुर से सड़क मार्ग से 340 किलोमीटर की दूरी पर स्थित जोधपुर के लिए राजस्थान रोडवेज बस , निजी टैक्सी , रेल मार्ग व हवाई जहाज के माध्यम से यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है ।