स्लीपिंग पोजीशन (Sleeping positions): अच्छी नींद हमेशा अच्छी सेहत की निशानी होती है । यदि हम 7 8 घंटे आराम से सोते हैं तो हम रिलेक्स एवं तरोताजा महसूस करते हैं
किन्तु कई बार अच्छी नींद के बावजूद हमारी सुबह चिड़चिड़ेपन के साथ शुरू होती है क्योंकि हम सुबह कितने फ्रेश होंगे , यह सिर्फ हमारी नींद पर ही नहीं , बल्कि सोने की पोजीशन , अर्थात सोने की स्थिति पर भी निर्भर करता है ।
स्लीपिंग पोजीशन के फायदे | Benefits of Sleeping Positions in Hindi
रातभर हमारा शरीर कई पोजीशन बदलता रहता है । ऐसे में आरामदायक अवस्था में सोकर उठने के बाद हमारी रातें ऐसी गुजरती हैं
जो शरीर के लिए आरामदायक नहीं होती , बल्कि उसकी वजह से पीठ दर्द , जोड़ों का दर्द , कमर दर्द या गर्दन का दर्द आदि अनेक तकलीफों का सामना हमें करना पड़ता है ।
अधिकतर लोग अपनी स्लीपिंग पोजीशन को एक सी ही रखते हैं , उसे बदलते नहीं । शोधकर्ताओं के अनुसार , सोने की मुख्यतः आठ अवस्थाएं होती हैं ।
इनमें हर अवस्था की अपनी अपनी कुछ खूबियां और कुछ खामियां होती हैं । शोधकर्ताओं के शोध के आधार पर आज हम जानते हैं कि इंसान को किस पोजीशन में और कैसे सोने से किन – किन शारीरिक परेशानियों से जूझना पड़ सकता है !
स्लीपिंग पोजीशन | Sleeping Positions in Hindi
पेट के बल सोना : –
यह अवस्था पाचन तंत्र के लिए अच्छी होती है , लेकिन इस पोजीशन के साइड इफेक्ट की बात करें तो पीठ पर इसका दुष्प्रभाव पड़ता है । अगर आप पहले से पीठ दर्द से परेशान हैं तो वह और भी गंभीर हो सकता है ।
इससे बैक – पेन की शिकायत बढ़ सकती है । पेट के बल सोने वाली औरतों को गर्भधारण करने में भी दिक्कत आ सकती है ।
करवट – सोना : –
करवट सोना सोने की सभी अवस्थाओं में श्रेष्ठ माना जाता है और अधिकतर लोग इसी अवस्था में सोते हैं ।
करवट सोने से खर्राटे भरने की आदत में सुधार होता है । करवट सोने वाली महिला पुत्रवती होती है तथा वह अनेक रोगों से बची रहती है ।
पीठ के बल सोना : –
पीठ के बल सोने से पीठ के निचले हिस्से में होने वाले दर्द से छुटकारा मिलता , लेकिन पीठ के बल सोने से आपमें खर्राटे भरने की आदत हो सकती
सिकुड़ कर सोनाः-
कई लोग हाथ – पांव को सिकोड़कर गर्भस्थ शिशु की तरह सोते हैं । इस पोजीशन में सोने से ऑस्टियोपोरोसिस व आर्थरॉइटिस की समस्या से राहत मिलती है ।
जिन लोगों के पैरों में खिंचाव की समस्या होती है , उन्हें इस पोजीशन में सोने से राहत मिलती है । सिकुड़कर सोने से स्तनों के लटकने का भय बन सकता है और ल्यूकोरिया की समस्या आ सकती है ।
गर्भावस्था के दौरान कैसे सोएं |Sleeping Positions in Pregnancy in Hindi
अगर आप प्रेगनेंट हैं तो आपको सोने की पोजीशन पर अधिक ध्यान देना होगा , खासकर प्रेगनेंसी के दूसरे चरण में । इस दौरान करवट से सोना ही बेहतर होता है ।
इस दौरान पीठ के बल सोने से पीठ दर्द , सांस लेने में तकलीफ , एवं लो ब्लडप्रेशर जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं ।
इस दौरान बायीं करवट लेकर सोना बेहतर माना जाता है । इस पोजीशन में सोने से गर्भस्थ शिशु को पोषक तत्वों की आपूर्ति में भरपूर मदद मिलती है ।
स्लीपिंग डिस्आर्डर : –
सोने की पोजीशन और वक्त शरीर के लिए बहुत ही मायने रखते हैं । आज की इस भागदौड़ भरी जिन्दगी में लोग अधिकतर 3 स्लीपिंग डिस्आर्डर से परेशान हैं ।
इस शिकायत की वजह से आधी रात तक नींद नहीं आती और दूसरे दिन सुस्ती बनी रहती है ।
इस बीमारी से ग्रस्त इंसान की सेहत बिगड़ती चली जाती है इससे बचने के लिए यह आवश्यक है कि हम प्रतिदिन कुछ बातों का निम्नानुसार ध्यान रखें – .
प्रेगनेंसी के दौरान सोने का रखे ध्यान
अक्सर घरेलू महिलाएं दिन के वक्त अपना काम – काज निबटाकर तीन – चार घंटे सो जाती हैं , इससे उन्हें रात में पूरी नींद नहीं आती । दिन में न सोकर यूं ही आराम करने में कोई हर्ज नहीं है , इससे आपको रात में अच्छी नींद अवश्य आएगी ।
सोने से कुछ घंटे पहले चाय , कॉफी नहीं पीनी चाहिए , क्योंकि इससे नींद प्रभावित होती है
सुबह जल्दी उठकर कुछ देर तक व्यायाम करने से न केवल हमारा पूरा दिन ही अच्छा रहता है बल्कि रात में अच्छी नींद भी आती है ।
धूम्रपान से दूर रहें , तनाव को पास न आने दें तथा प्रातःकाल उठकर खुली हवा में कुछ देर मॉर्निंग वाक से रात में अच्छी नींद आती है । यह है आपकी अच्छी सेहत का राज ।