Speech On Mothers Day in Hindi | मदर्स डे

Speech On Mothers Day in Hindi: 9 मई का दिन मदर्स – डे (Mothers Day)के रूप में मनाया जाता है । इस दिन मां की निःस्वार्थ ममता का गुणगान किया जाता है , लेकिन क्या मां की ममता को एक दिन की अल्पावधि में कैद किया जा सकता है क्या सिर्फ एक दिन को मां की ममता के दिन के रूप में मनाकर हम मां के प्रति अपने कर्तव्य को पूरा कर लेते हैं ? मां की ममता का नूर तो हर पल , हर क्षण दिलो – दिमाग को रौशन करता रहता है ।

Mothers Day

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Speech On Mothers Day in Hindi

खुशनसीब है वह इन्सान , जिसे मां रूपी घना – छायादार और मजबूत वृक्ष प्राप्त हुआ है , जिनके साये तले बैठने से वह चैन और सुकून अनुभव करता है । मां के बगैर कायनात ना – मुक्कमल है , क्योंकि कायनात को चलाने वाले खुद – खुदा को भी धरती पर आने के लिए मां की कोख का सहारा लेना पड़ता है ।

संत , गुरू , फकीर , पीर – पैगम्बर सभी मां की कोख से जन्म लेते हैं यह माना जाता है कि ‘ जिसने मां को खुश कर लिया उसने खुदा को खुश कर लिया ‘ मां के चेहरे को प्यार से देखने से ही खुदा खुश हो जाता है मां आसमानी तोहफा है

मां दुनियावी सरमाया है । मां एक अजीज़ – तरीन हस्ती है , जिसके कदमों तले जन्नत है । मां न हो तो घर में खुशी के फूल नहीं खिलते । मां रूपी खुशी का फूल न सिर्फ छाया बल्कि धूप में भी खुशबू देता है और इसकी खुशबू से सारा जहां महक जाता है मां अंधेरे में रौशनी की किरण और वीराने में चमन है ।

मां की मोहब्बत चट्टान से ज्यादा मजबूत और चांदनी से ज्यादा शीतल होती है । कहते हैं कि ‘ अगर मां की दुआ साथ है तो फिर किसी और की दुआओं की जरूरत नहीं रहती । ‘ आज के इस भौतिकतावादी युग में इन्सान रिश्तों की अहमियत को भूलता जा रहा है ।

आज का इन्सान मां – बाप , भाई – बहन आदि पवित्र रिश्तों को भी स्वार्थ की निगाह से देखने लगा है ।

जिस मां ने बच्चे को नौ महीने गर्भ में रखा , अनेकों दुःख तकलीफें सही , विकास की इस दौड़ में , उस मां के लिए भी इन्सान के पास वक्त नहीं है कि चंद मिनट भी अपनी मां के साए तले बैठकर उसकी ममता का सुख अनुभव कर पाए बल्कि जाने – अनजाने दुःख बदाश्त करके भी कभी शिकवा नहीं करती ।

मां उस जमीन की तरह में इन्सान मां को दुःख देने का कारण बन जाता है । लेकिन मां तो मां है , वह है , जो अपने बच्चों के हाथों से अपने सीने पर हजार वार सहती है , मगर फिर भी अपने बच्चों की तकलीफ पर उनकी मदद करती है , उन्हें अपनी गोद में जगह देती है ।

मां गुलाब के उस फूल की तरह है , जो उन हाथों को भी खुशबू देता है , जो उसे मसल कर फैंक देते हैं । ‘ मां अपने बच्चों को चाहत की आखिरी हदों तक प्यार करती है , लेकिन बच्चे इस बात से बेखबर रहते हैं ।

मां की दुनिया अपने बच्चों से शुरू होकर उन्हीं पर खत्म हो जाती है दुनिया की सबसे रहमदिल हस्ती ‘ मां ‘ बच्चों की हर गल्ती को माफ कर देती है । इसलिए यहां तक भी कहा जाता है कि मां भगवान का रूप है और कई गीतकारों ने तो यहां तक अपने गीतों में लिखा है , ‘ मां दी पूजा , रब्ब दी पूजा ।

Mothers Day

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‘ मां को भगवान का दर्जा दिया गया है । अतः हर इन्सान को चाहिए कि वह मां – बाप के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वाह करे । इन्सान को अपने मां के प्यार को अपने मुंह से लगाए रखना चाहिए ।

मां के प्यार की चूंट जब इन्सान के गले के नीचे उतरती है , तो वह उसके दिमाग को रौशन कर देती है और यही वह रौशनी है , जो उसे तंग और मुश्किल रास्तों से गुजारकर मंजिल की तरफ ले जाती है जिस इन्सान के दिल में मां की इज्जत है ,

वह कभी असफल नहीं होता , वह कभी गरीब नहीं होता और उसकी सुख – समृद्धि कभी खत्म नहीं होती । जो इन्सान अपनी मां को खुश रखता है , खुशियां उसके कदम चूमती हैं ।

मां और उसकी ममता को इज्जत व सम्मान देने वाले इन्सान को कभी गमों का सामना नहीं करना पड़ता ।

Speech On Mothers Day in Hindi

Speech On Mothers Day in Hindi

‘ मां ‘ के प्यार का वर्णन करते हुए फरमाते हैं कि ‘ मां , बच्चे को नौ महीने अपने गर्भ में सुरक्षित रखती है , अपने लहू से बच्चे को सींचती है , बेइन्तहा प्रसव पीड़ा सहन करके बच्चे को जन्म देती है ।

बच्चा जब रोता है तो मां तड़प उठती है कि हाय ! मेरे जिगर का टुकड़ा भूखा है और उसे दूध पिलाती है । बच्चा खेलता है किलकारियां मारता है तो मां का हृदय फूल की भांति खिल उठता है ।

अपनी तुतलाती जुबां में प्यारी – प्यारी बातें करता है , तो उसी के जैसा छोटा बच्चा बनकर वह उससे बातें करती है । उसका सदका उतारती है ।

‘ कहीं खुद की ही नजर मेरे लाल को न लग जाए ‘ , इस डर से उसके काला टीका ( ठिगोना ) लगाती है । सर्दी का मौसम है , बच्चा बिस्तर में पेशाब कर देता है तो मां उसे अपनी सूखी जगह पर सुलाकर खुद गीली जगह पर सो जाती है कि लाल को ठंड न लग जाए ।

बच्चा तकलीफ में है , बुखार है पेट दुखता है या कोई तकलीफ है , बच्चा तो बोल के बता नहीं सकता , लेकिन मां एक स्पैशेलिस्ट डॉक्टर की तरह हर तरह से दवा – दारू करती है और सर्दियों की इतनी लंबी – लंबी रातों में रातभर अपने बच्चे को गोद में लिए जागकर गुजार देती है ।

‘ मां का दर्जा बहुत ही महान है । मां की ममता का ऋण बच्चा ता – उम्र नहीं उतार सकता । फिर भी अगर इन्सान अपने मां – बाप की इज्जत करता है , उनके दुःख – दर्द को दूर करने की कोशिश करता है ,

बुढ़ापे में उनकी संभाल करता है , नेक व भले कर्म करते हुए इन्सानियत की सेवा करता है तो वह अपने मां – बाप का कुछ न कुछ ऋण उतार देता है । ‘

माँ , बेटे या बेटी के जितना अधिक करीब होती है , उतना पिता नहीं होता , यह एक अटल सत्य है । ऐसे में मां की सहनशीलता और जिम्मेदारी सिर्फ बच्चे को संभालना ही नहीं , बल्कि उसकी जिंदगी को सही तरीके से संवारने की भी हो जाती है ।

इसके लिए यह जरूरी है कि मां पीढ़ी का फर्क नहीं महसूस अपने बच्चों के साथ खुले ढंग व खुले विचारों से पेश आए , तभी बढ़ते बच्चे भी उसे अपनी जिंदगी में महत्वपूर्ण मानकर हर बात बता सकेंगे । इस संबंध को और भी बेहतर बनाया जा सकता है , कुछ ऐसे

* कितनी भी व्यस्तता क्यों न हो , बेटे – बेटियों की परवरिश को प्राथमिकता दें ताकि उन्हें अकेलापन नहीं खले ।

Speech On Mothers Day in Hind

* बच्चों को प्रेम ही नहीं , मित्रता भी दें ताकि वे आपको दोस्त मानकर सब कुछ आपसे कह सकें ।

* किसी भी मामले में उनके लिए अच्छे सलाहकार बनें । भूलकर भी अपनी राय लादें नहीं ।

* बेटा व बेटी कामयाबी तो जीवन में कभी भी हासिल कर ही सकते हैं , पर जरूरी है कि शुरू से ही इन्हें संवेदनशील बनाएं ।

* बात सामान्य हो या महत्वपूर्ण , बच्चों की बात पर ध्यान दे ताकि वे आपसे कोई भी बात करते वक्त संकोच न करें ।

* मां बेटो को सबसे अच्छी दोस्त बन सकती है । ऐसी भूमिका निभाकर आप उसकी जिंदगी और बेहतर बना सकती है । आ सके ।

* अपनी जिंदगी के अच्छे – बुरे अनुभव बच्चों के साथ बांटें ताकि उन्हें जीवन का मतलब समझ में

* व्यर्थ के बखेड़े खड़े करने की अपेक्षा रिश्तों में तालमेल बनाए रखें ।

* बेटे – बेटी की परेशानी में उनका आत्मविश्वास , धैर्य एवं मानसिक बल बढ़ाने में मां से बेहतर कोई मददगार नहीं हो सकता ।

* बदलते वक्त के साथ बच्चों के हिसाब से भी जीने और सीखने को तैयार रहें । पीदियों का अंतर जिम्मेदारी भी बदलता है , यह भूलें नहीं ।

* किशोरवय बेटे – बेटी को पसंद , सोच एवं समझ और आपकी पसंद , सोच एवं समझ में फर्क है , तो भी उनकी अच्छी बात को सराहें , तभी वे भी आपको पसंद को सराहेंगे ।

* कभी – कभी मां एवं बच्चों की राय में अनुभव के अनुसार मतभेद आ ही जाता है तो आने दें लेकिन रिश्ते को इससे प्रभावित न होने दें ।

* आपके बेटे – बेटी ने क्या किया , यह उससे ही पूछे , किसी दूसरे से इसे सुनकर कोई राय नहीं बनाएं । साथ ही सच जाने तथा स्थिति मालूम किए बिना उन पर संदेह न करें और भला – बुरा भी न कहें ।

* मां को बेटी या बेटे की जरूरत है तो उन्हें भी मां के सहयोग की जरूरत होती है । इसलिए बच्चों के साथ सहयोगी बनें ।

Conslussion

अगर आप भी अपनी माँ से प्यार करते ही तो आपको हमारी ये पोस्ट Speech On Mothers Day in Hindi जरूर पसंद आएगी क्युकी मोटर्स डे आपके लिए भी स्पेशल होगा क्युकी इस पोस्ट Speech On Mothers Day in Hindi में हमने माँ के बारे में एक स्पीच दी है जिसमे हमने बताया है की माँ कैसे सबसे लिए स्पेशल है अगर आपको ये पोस्ट Speech On Mothers Day in Hindi पसंद आये तो आप इसे शेयर और कमेंट जरूर करें।

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