Grapes in Hindi:- अंगूर एक बलवर्धक एवं सौन्दर्यवर्धक फल है । इसमें मां के दूध के समान पोषक तत्व पाए जाते हैं । फलों में अंगूर (Grapes) सर्वोत्तम माना जाता है । यह निर्बल , सबल , स्वस्थ , अस्वस्थ आदि सभी के लिए समान – उपयोगी होता है । अंगूर (Grapes) स्वादिष्ट होने के साथ ही पौष्टिक और सुपाच्य होने के कारण आरोग्यकारी फल है ।
अंगूर (Grapes) हरे और काले के साथ ही लाल , गुलाबी , नीले , बैंगनी , सुनहरे , सफेद आदि रंगों के भी होते हैं । लेकिन काले की अपेक्षा सफेद अंगूर में ज्यादा विटामिन होते हैं । कहते हैं कि जब लगभग सभी खाने की चीजें अपथ्य हो जाएं , अर्थात खाने को मना हों तो भी अंगूर का सेवन किया जा सकता है । यानी रोगी के लिए अंगूर बलवर्धक – पथ्य फल है ।
Grapes in Hindi | अंगूर
अंगूर के रासायनिक तत्व
प्रत्येक 100 ग्राम अंगूर में लगभग 85.5 ग्राम पानी , 10.2 ग्राम काबोर्हाइड्रेट्स , 0.8 ग्राम प्रोटीन , 0.1 ग्राम वसा , 0.03 ग्राम कैल्शियम , 0.02 ग्राम फॉस्फोरस , 0.4 मिलीग्राम आयरन , 50 , मिलीग्राम विटामिन – बी , 10 मिलीग्राम विटामिन- सी 8.4 मिलीग्राम विटामिन – पी , 15 यूनिट विटामिन – ए , 100 से 600 मिलीग्राम टैनिन , 0.41-0.72 ग्राम टार्टरिक अम्ल पाया जाता है ।
अंगूर के फायदे | Angoor (Grapes) ke Fayde in Hindi
इसके अतिरिक्त सोडियम क्लोरॉइड , पोटेशियम क्लोरॉइड , पोटेशियम सल्फेट , मैग्निशियम तथा एल्युमिन जैसे महत्वपूर्ण तत्व भी इसमें भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं । अंगूर (Grapes) में पाई जाने वाली शर्करा पूरी तरह से ग्लूकोज से बनी होती है , जो कुछ किस्मों में 11 से 12 प्रतिशत तक होती है और कुछ में 50 प्रतिशत तक भी मौजूद है ।
यह शर्करा शरीर में पहुंचकर एनर्जी प्रदान करती है । इसलिए इसे हम एक आदर्श टॉनिक की तरह प्रयोग में लाते हैं । अंगूर का सेवन थकान को दूर कर शरीर को चुस्त – फुर्त व मजबूत बनाता है ।
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अंगूर के गुण – धर्म :
पके अंगूर :
पके अंगूर (Grapes) दस्तावर , शीतल , आंखों के लिए हितकारी , पुष्टिकारक , पाक या रस में मधुर , स्वर को उत्तम करने वाला , कसैला , मल तथा मूत्र को निकालने वाला , वीर्यवर्धक ( धातु को बढ़ाने वाला ) , पौष्टिक , कफकारक और रुचिकारक है । यह प्यास , बुखार , श्वास ( दमा ) , कास ( खांसी ) , वात , वातरक्त ( रक्तदोष ) , कामला ( पीलिया ) , मूत्रकृच्छ । ( पेशाब करने में कठिनाई होना ) , रक्तपित्त ( खूनी पित्त ) , मोह , दाह ( जलन ) , सूजन तथा डायबिटीज को नष्ट करने वाला है ।
कच्चा अंगूर : :
कच्चे अंगूर गुणों में हीन , भारी , कफपित्त और रक्तपित्त नाशक है ।
काली दाख या गोल मुनक्का
यह वीर्यवर्धक , भारी और कफ पित्त नाशक है ।
किशमिश :
बिना बीज की छोटी किशमिश मधुर , शीतल , धातु को बढ़ाने वाला , रूचिप्रद ( भूख जगाने वाला ) खट्टी तथा श्वास , खांसी , बुखार , हृदय की पीड़ा , रक्त पित्त , स्वर भेद , प्यास , वात , पित्त और मुख के कड़वेपन को दूर करती है
ताजा अंगूर
ताजा अंगूर रुधिर को पतला करने वाले , छाती के रोगों में लाभ पहुंचाने वाले , बहुत जल्दी पचने वाले , रक्तशोधक तथा खून बढ़ाने वाले होते हैं ।
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अध्ययन व शोधः
नए अध्ययन में दावा किया गया है कि अंगूर (Grapes) और उसका जूस पीने से इंसान की सेहत अच्छी रहती है । शोधकताओं ने अमेरिका में अंगूर खाने को लेकर बच्चों और वयस्कों पर अध्ययन किया । उन्होंने पाया कि अंगूर का सेवन और सेहतमंद जीवनशैली का सीधा ताल्लुक है । यह अध्ययन अमेरिका के ह्यनेशनल न्यूट्रीशियन एक्जामिनेशन सर्वे की ओर से किया गया है ।
इसमें कुल , 21,800 बच्चों और वयस्कों को शामिल किया गया था । एक अध्ययन के अनुसार भोजन में अंगूर (Grapes) को नियमित रूप से शामिल कर लिया जाए तो बड़ी आंत में होने वाले कैंसर का खतरा कम हो सकता है । यह कैंसर की तीसरी ऐसी किस्म है , जिसके कारण हर साल विश्व में पांच लाख से अधिक लोगों की मौत हो जाती है ।
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अंगूर के फायदे | Angoor ke Fayde in Hindi
* शरीर के किसी भी भाग से रक्त स्राव होने पर अंगूर के एक गिलास ज्यूस में दो चम्मच शहद घोलकर पिलाने पर निकले रक्त की कमी को पूरा किया जा सकता है
* मुनक्का 10 दाने और 3-4 जामुन के पते मिलाकर काढ़ा बना लें इस काढ़े से कुल्ला करने से मुंह में धारण रोग मिटते हैं ।
* 8-10 नग मुनक्का , 25 ग्राम मिश्री तथा 2 ग्राम कत्थे को पीसकर मुख करने से दूषित कफ विकारों में लाभ होता है ।
* काले अंगूर की लकड़ी की राख 10 , ग्राम को पानी में घोलकर दिन में दो बार पीन से मूत्राशय में पथरी का पैदा होना बंद हो जाता है ।
* अंगूर की 6 ग्राम भस्म को गोखरू का काढ़ा 40-50 मिलीलीटर या 10-20 मिलीलीटर रस के साथ पिलाने से पथरी नष्ट होती है ।
* मुनक्का 12 पीस , छुहारा 5 पीस तथा मखाना 7 पीस , इन सभी को 250 मिलीलीटर दूध में डालकर खीर बनाकर सेवन करने से खून और मांस की वृद्धि होकर शरीर पुष्ट होता है । .
* बसन्त के सीजन में इसकी काटी हुई टहनियों में से एक प्रकार का रस निकलता है जो त्वचा सम्बंधी रोगों में बहुत लाभकारी है ।
* अंगूर खाने से दुग्धवृद्धि होती है । इसलिए स्तनपान कराने वाली माताओं को , यदि उनके स्तनों में दूध की कमी हो तो , अंगूरों का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए । अंगूर दुग्धवर्द्धक होता है ।
प्रसवकाल में यदि उचित मात्रा से अधिक रक्तस्राव हो तो अंगूर केरस का सेवन बहुत अधिक प्रभावशाली होता है खून की कमी के शिकायत में अंगूर के ताजे रस का सेवन बहुत उपयोगी होता है क्योंकि यह शरीर के रक्त में रक्तकणों की वृद्धि करता है ।
मिरगीग्रस्त रोगियों को अंगूर खाना लाभकारी होता है । हालांकि आजकल अंगूर हर मौसम में सुलभ है , फिर भी अगर इस बारे में अपने फैमिली डॉक्टर की भी राय ली जाए तो और भी बेहतर रिजल्ट पा सकते हैं ।
Conclusion
उम्मीद है आपको हमारी ये पोस्ट अंगूर के फायदे (Grapes in Hindi) पसंद आयी होगी इस पोस्ट में हमने अंगूर (Grapes) के बारे में सभी बातें बताई है जैसे अंगूर किस किस बिमारिओ में फायदेमंद है क्या क्या इसके फायदे है और इसके रासानिक तत्व क्या है किस किस तरह के अंगूर पाए जाते है ये सभी बातें हमने इस पोस्ट अंगूर के फायदे (Grapes in Hindi) में बताई है अगर आपको हमारी ये पोस्ट पसंद आये तो इसे शेयर और कमेंट जरूर करे।
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