Shalgam in Hindi | Shalgam ke fayde in Hindi

Shalgam ke fayde : शलगम (shalgam) पौष्टिक तत्वों से भरपूर एक मौसमी फल कहो या सब्जी प्रायः सर्दियों में बड़े चाव से खाई जाती है ।

शलगम (Turnip) की सब्जी बनती है , इसके पत्तों को साग बनता है , शलगम का अचार बनता है और साथ ही शलगम को सलाद के रूप में कच्चा भी खाया जा सकता है ।

खाने में इसका स्वाद मीठा सा होता है । अलग – अलग तरीको से इसकी स्वादिस्ट सब्जी तैयार की जा सकती है । हरी कंद – मूल की सब्जियों में शलगम का प्रमुख स्थान है ।

shalgam in hindiImage by Pixabay

यह जड़मूल रूपी फल , सब्जी के रूप में तो प्रयोग में लाया ही जाता है , इसके पत्तों का साग बनाकर खाने का आम रिवाज है । शलगम का अचार भी बनता है । शलगम स्वादिष्ट तो है ही , औषधीय गुणों से भी युक्त और पौष्टिक भी है ।

शलगम के प्रकार | Types of Turnip (Shalgam) in Hindi

शलगम भारत के लगभग हर क्षेत्र में कमोबेश बोया जाता है । पहाड़ी और मैदानी दोनों ही इलाकों में इसकी उपज अच्छी होती है । वैसे यह हर तरह की मिट्टी में बोया जाता है ।

पर दोमट मिट्टी पर इसकी उपज बेहतर होती है । शलगम की दो जातियां पाई जाती हैं । एक तो यूरोप की और दूसरी एशिया की । यूरोप की शलगम काफी लोकप्रिय है ।

यह तीन प्रकार की होती है । सफेद शलगम , लाल शलगम और पीतांभ शलगम । इन तीनों में सफेद शलगम अधिक उगाया और खाया जाता है ।

शलगम के रासायनिक गुण | Shalgam ke fayde in hindi

शलगम की 100 ग्राम की मात्रा में

* 28 एमजी कैलोरी,

* वसा 0.1 ग्राम

* कोलेस्ट्रॉल 0 एमजी,

* सोडियम 67 एमजी,

* पोटेशियम 191 एमजी,

* कार्बोहायड्रेट 6 ग्राम,

* प्रोटीन 09 ग्राम,

* आयरन 0.3 एमएजी होता है ।

यह एक अत्यंत रंगीन सब्जी है जिसमें न्यूट्रियंट्स और एंटी – ऑक्सीडेंट भारी मात्रा में पाए जाते हैं । इसके छिलको में भी अनेक गुण पाए जाते हैं ।

इस सब्जी को छिलके के साथ खाने में कोई परेशानी नहीं होती क्योंकि इसके रासायनिक गुण स्वाद में कोई परिवर्तन नहीं आता है । यह कच्चा भी खाया जाता है और पका कर खाने से भी इसकी गुणवता में कोई फर्क नहीं आता ।

शलगम के फायदे | Shalgam ke fayde (Benefits) in Hindi

turnip in hindi

Image by Unsplash

शलगम का सेवन शरीर में इम्यूनिटी को बढ़ाता है और हानिकारक फ्री रेडिकल्स , कैंसर और सूजन से शरीर की रक्षा करता है । से शरीर की रक्षा करता है । इसमें कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है । शलगम की सब्जी किसी भी तरह के रोगियों को बिना किसी डर के सेवन कराई जा सकती है ।

शलगम के कुछ फायदे | Some Benefits of Turnip in Hindi

1) पोषक तत्वों का भंडार

2) कैंसर की रोकथाम

3) हृदय – रोगों में फायदे

5) फेफड़ों का स्वास्थ्य

6) पाचन प्रणाली को ठीक रखता है

4) हड्डियों के लिए महत्वपूर्ण

7) सामान्य बीमारियों का उपचार

8) वजन घटाने में लाभकारी

9) अस्थमा का इलाज

10) शरीर की गंध से बचाता है

शलगम किस किस बिमारिओ में फायदेमंद है | Benefits of Turnip in Hindi

पोषक तत्वों का भंडार

शलगम (Turnip) वास्तव में यह कई महत्वपूर्ण पोषक तत्वों का भंडार है । शलगम के पत्तों के मुकाबले इसकी जड़ों में कई गुना अधिक मिनरल और विटामिन होते हैं । यह विटामिन ए , विटामिन सी , कैरोटीनॉयड और ल्यूटीन जैसे एंटीऑक्सीडेंट का समृद्ध स्रोत है । इसके अलावा , इसके पत्ते भी विटामिन ‘ के ‘ के बहुत अच्छे स्रोत हैं । साथ ही इनमें कैल्शियम , कॉपर , आयरन और मैंगनीज जैसे महत्वपूर्ण मिनरल की भी बहुतायत पाई जाती है

Shalgam ke fayde

एंटीऑक्सिडेंट और फाइटोकेमिकल्स तथा ग्लूकोसाइनोलेट्स की उपस्थिति के कारण शलगम कैसर के खतरे को कम करने में मदद करता है । अपने दैनिक आहार में इस सब्जी का समावेश स्तन कैंसर के जोखिम के साथ – साथ मलाशय आर ट्यूमर के खतरे से भी बचा जा सकता है ।

हृदय – रोगों में फायदे

शलगम में मौजूद विटामिन ‘ ए ‘ के कारण यह एंटी – इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है । यह गुण हार्ट अटैक , हार्ट स्ट्रोक और अन्य हृदय रोगों को रोकने में मदद करता है । शलगम फोलेट का भी एक बेहतरीन स्रोत है जो हृदय प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद करता है ।

हड्डियों के लिए महत्वपूर्ण

कैल्शियम और पोटेशियम का एक महत्वपूर्ण स्रोत होने के कारण शलगम स्वस्थ हड्डियों के विकास और रख रखाव के लिए महत्वपूर्ण है । शलगम का सेवन नियमित रूप से करने से हड्डियों के टूटने , ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे और रुमेटी गठिया की समस्याओं को रोका जा सकता है ।

फेफड़ों का स्वास्थ्य

शरीर में विटामिन ‘ ए ‘ की कमी के कारण फेफड़ों की सूजन , एम्फीसेमा ( वातस्फीति ) , फेफड़ों की अन्य समस्याओं को शलगम का सेवन रोकता है तथा शरीर में विटामिन ‘ ए ‘ की कमी को दूर करके फेफड़ों को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है ।

पाचन प्रणाली को ठीक रखता है

शलगम में मौजूद उच्च मात्रा में फाइबर शरीर की पाचन प्रणाली का समर्थन करता है । एक शोध के अनुसार , इसमें मौजूद ग्लूकोसाइनोलेट्स , हेलिकोबेक्टर बैक्टीरिया की तरह पेट प्रक्रिया की मदद करता है ।

सामान्य बीमारियों का उपचार

शलगम की रोग – नाशक शक्ति कई प्रकार की आम बीमारियों , जैसे भूख कम लगना , बवासीर आदि कई रोगों में रामबाण का काम करती है । नियमित रूप से शलगम का उपयोग करने से किडनी की पत्थरी का इलाज आसानी से हो सकता है ।

वजन घटाने में लाभकारी

शलगम में कम कैलोरी के कारप इसका इस्तेमाल प्रभावी ढंग से वजन घटाने में सहाई होता है , वहीं इसमें मौजूद उच्च फाइबर पाचन – क्रिया में सुधार कर शरीर के वजन को नियंत्रित करता है और पेट से जुड़ी परेशनियों को दूर करता है ।

अस्थमा का इलाज

शलगम में मौजूद विटामिन सी एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट औरएंटी इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण यह अस्थमा के इलाज और इसके लक्षणों को रोकने में प्रभावी ढंग से काम करता हैं ।

एक नए शोध से भी यह साबित हुआ है कि दमा रोगियों को शलगम देने से उनके सीने से आने वाली घरघराहट की आवाज को कम किया जा सकता है ।

शरीर की गंध से बचाता है

गर्मियों के महीनों में शरीर से गंध आना एक आम समस्या है । शलगम का रस शरीर की गंध से छुटकारा दिलाने में काफी फायदेमंद साबित होता है ।

आमतौर पर शलगम का रस पीना स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा है । शरीर की गंध तो दूर होती ही होती है , बल्कि पाचन संबंधी भी अनेक समस्याओं का निदान होता है ।

विभिन्न रोगों की अचूक दवा है शलगम

दस्त : कच्ची शलगम को खाने से दस्त आना बंद हो जाते हैं ।

बिवाइयां ( एड़ी फटना ) : शलगम को उबालकर इसके पानी से फटी एड़ियों को धोकर उन पर शलगम रगड़ें । रात के समय इसका इस्तेमाल करके फटी हुई एड़ियों पर साफ कपड़ा लपेट लें , फटी एड़ियां ठीक हो जाती हैं ।

मधुमेह ( शुगर ) : मधुमेह के रोग में रोजाना शलगम की सब्जी खाना लाभदायक होता है ।

दमा , खांसी , गला बैठना : शलगम को पानी में उबालकर उसके पानी को छानकर और उसमें चीनी मिलाकर पीने से दमा , खांसी और गला बैठने का रोग ठीक हो जाता है ।

अंगुलियों की सूजन : 50 ग्राम शलगम को 1 लीटर पानी में उबालें । फिर उस पानी में हाथ – पैर डालने से अंगुलियों की सूजन खत्म हो जाती है ।

पेशाब रुक – रुक कर आना : 1 शलगम और कच्ची मूली को काटकर खाने से पेशाब का रुक – रुककर आने का रोग दूर हो जाता है ।

मसूढ़े और दांतों के रोग : कच्चे शलगम को चबा- चबाकर खाने से मसूढ़े और दांतों के रोग ठीक हो जाते हैं तथा दांत भी साफ रहते हैं ।

दमे या श्वास का रोग : शलगम , गाजर , पत्तागोभी तथा सेम की फली का रस एकसाथ मिलाकर इसमें थोड़ा सा सेंधानमक डालकर सेवन करने से दमा , श्वास रोग ठीक हो जाता है । बंदगोभी , गाजर , सेम और शलगम का रस मिलाकर सुबह – शाम दो सप्ताह तक रोजाना पीने से भी दमा रोग में लाभ होता है ।

1 कप शलगम का रस लेकर गर्म करें । इस रस में थोड़ी सी शक्कर मिलाकर सेवन करने से दमा रोग ठीक हो जाता है ।

1 कप शलगम का रस , 1 कप गाजर का रस और 1 कप पत्ता गोभी के रस में आधा कप सेम की फली का रस मिलाकर दिन में 3 बार रोगी को पिलाना चाहिए इसको पीने से कुछ ही दिनों में दमा , खांसी , सीने की जकड़न तथा कफ बनना आदि रोग नष्ट हो जाते हैं । ( माहिर देसी वैद्य ( आयुर्वेद डाक्टर ) की सलाह भी जरूर ले लेनी चाहिए )

कब्ज : कच्चे शलगम को खाने से पेट साफ रहता है तथा कब्ज दूर होती है ।

मूत्ररोग : शलगम के रस में मूली का रस डालकर पीने से रुक – रुक कर आने वाला पेशाब ठीक हो जाता है ।

एलर्जीः 100 ग्राम शलगम को पानी में उबाल लें , उस पानी को ठण्डा करके शरीर पर मालिश करने से एलर्जी के रोग में आराम आता है ।

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