सापूतारा (Saputara) एक ख़ूबसूरत जगह | Gujarat Hill Station Saputara

Saputara: गुजरात के डांग जिले में सहत सहयाद्रि पहाड़ी पर स्थित सापूतारा (Saputara) बेहद खूबसूरत जगह है । गुजरात का एकमात्र हिल स्टेशन होने का गौरव सापूतारा को ही है।

यहां की आबोहवा ऐसी है कि पर्यटकों का यहां से लौटने को मन नहीं करता । सापूतारा गुजरात के शुष्क प्रकृति के बीच एक बिल्कुल अलग जगह है ।

सापूतारा (Saputara) क्यों इतना ख़ूबसूरत है ?

यह गुजरात के उत्तर पूर्व सीमांत पर है और पश्चिमी घाट के शायिदरी तक फैला हुआ दूसरा सबसे ऊंचा पठार है । यहां मौजूद झील इसकी खूबसूरती में चार चांद लगा देती है ।

यहां की जलवायु पूरे साल सुहावनी और ठंडी रहती है । गुलाबी ठंड और साफ – सुथरी हवा के बीच यहां घूमना बेहद आकर्षक है ।

वैसे तो हर हिल स्टेशन की तरह यहां का वातावरण भी वैसा ही होता है , लेकिन कुछ चीजें इसे खास बनाती हैं । खासतौर से सनराइज , सनसेट प्वाइंट यहां के लाजवाब हैं ।

समुद्र तल से 50 फीट की ऊंचाई पर बसा यह हिल स्टेशन स्वर्ग का नजारा पेश करता है । सापूतारा (Saputara) इतना खूबसूरत पर्यटन स्थल है कि यहां लोगों का आना – जाना पूरे वर्ष – भर लगा रहता है ।

सापूतारा

यहां की प्राकृतिक सुन्दरता , सूर्योदय और सूर्यास्त तथा सुन्दरता से सराबोर गार्डन एवं संग्रहालय पर्यटकों के लिए कुछ खास आकर्षण के केन्द्र हैं । इनके साथ ही साथ रोप – वे भी आकर्षण का केन्द्र है ।

नाव की सवारी के शौकीन यहां पहाड़ियों के चारों ओर बहती झील में नौका विहार का आनंद ले सकते हैं । यहां का एक अन्य आकर्षण का केंद्र पुष्पक – वे है ।

यह देश का सबसे लंबा रोप – वे है । इसकी लंबाई एक किलोमीटर है । शाम को सामान्यतः यह पर्यटकों से भरा रहता है ।

पौराणिक संबंध :

इसको लेकर एक पौराणिक कथा है , कि भगवन राम अपने वनवास के दौरान एक लंबे समय तक यहारुकथासापूतरा का मतलब नागों कावासा डाग वन जहां सापूतरास्थित है , वहाँका जनसख्या में 90 % आदिवासी हैं और ये आदिवासी नागपंचमी या होली जैसे त्योहारों के दोगन सपर्गगा नदी के तट पर सांप की एक छवि की पूजा करते हैं ।

सापूतारा में घूमने की जगह | Saputara Tourist place

मशहूर डोंगी नृत्य:

सापूतारा (Saputara) में वारली चित्रकला के अलावा एक और कला है , जो पर्यटकों का ध्यान बरबस ही अपनी ओर आकर्षित करती है ।

दूसरे शब्दों में कहें , तो अगर यहां आकर इस कला को नहीं देखा , तो समझिए यहां की यात्रा ही अधूरी है । वह कला है यहां का मशहूर ‘ डांगी बारहसिंगा जैसे जानवर को देखा जा सकता है ।

हालांकि इस पार्क में घूमने के नृत्य ‘ । डांगी नृत्य में नाच के साथ – साथ करतब भी होते हैं । इस नृत्य में महिलाओं और पुरुषों की संख्या लगभग बराबर रहती है ।

भील जनजाति का दल ढोलक और शहनाई की मद्धम आवाज पर मस्त होकर कदमताल करते हैं । लोकधुनों पर लुभावना नृत्य काफी देर तक होता है , जो पर्यटकों को बेहद लुभाता है ।

गुजरात का इकलौता हिल स्टेशन | Gujrat Hill Station Saputara

Saputara

सापूतारा (Saputara) गुजरात का इकलौता हिल स्टेशन है । इस इलाके में भील , डांग और वारली जनजाति निवास करती है । दुनिया भर में मशहूर वारली चित्रकला शैली को विकसित करने का श्रेय वारली जनजाति के नाम है ।

वारली – चित्र अमूमन पिसे हुए चावलों की लेई से बनते हैं । इन चित्रों में खासकर महिलाएं , पुरुष , पेड़ और पक्षी हैं । गौर किया जाए तो किसी भी वारली चित्र में इस जनजाति के सरल जीवन की झलक होती है ।

अद्भुत सनराइज :

Saputara

सापूतारा (Saputara) से सनसेट का नजारा बेहद भव्य होता है । पर्यटकों की मानें , तो सापूतारा आने का सबसे बड़ा रोमांच यहां से सनराइज देखने का होता है ।

अन्य हिल स्टेशनों की तुलना में यहां सूर्योदय देखने का मजा दो गुना हो जाता है । वघई से डेढ़ किलोमीटर का रास्ता तय कर मेली गांवा पहुंचा जा सकता है , जहां से सूर्योदय का नजारा बेहद रोमांचक नजर आता है ।

सापूतारा (Saputara) के आसपास कई झरने हैं , खासतौर पर गिरा जलप्रपात , जो यहां से करीब 52 किलोमीटर दूर है ।

वंसदा नेशनल पार्क:

Saputara

वंसदा नेशनल पार्क में तेंदुआ , बाघ , पैंगोलिएन , रस्टी स्पोटिड कैट , चीता और बारहसिंगा जैसे जानवर को देखा जा सकता है। हालाँकि इस पार्क में घूमने के लिए गांधी नगर के मुख्य वनप्राणी संरक्षक या वन अधिकारी से अनुमति लेनी पड़ती है । यह उद्यान कुल 24 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है ।

आर्टिस्ट विलेज:

शहर की भागदौड़ से दूर सापूतारा बस स्टैंड से कुछ ही दूरी पर स्थित है , गांधवपुर आर्टिस्ट विलेज । स्टैंड से नासिक रोड वारने हाइवे के बाई तरफ एक छोटी सड़क है जो आर्टिस्ट विलेज की ओर जाती है ।

बाहर से देखने पर यह शांत , अलसाई हुई सी जगह लगती है लेकिन अंदर दाखिल होते ही यकीन हो जाता है कि यह कोई आम जगह , नहीं बल्कि कला प्रेमियों का ठिकाना है ।

गांधवपुर आर्टिस्ट विलेज में अक्सर आर्ट कैंप लगते हैं । यहां कलाकारों के लिए स्टूडियो है जिनमें वे चित्र , हस्तशिल्प और मूर्तिशिल्प जैसी कलाओं के जौहर दिखाते हैं ।

हालांकि यहां आने के लिए लगने वाली फीस बेहद कम है । यहां दूर – दूर से आए कलाकार इत्मीनान से कला साधना करते हैं

साथ ही स्थानीय आदिवासियों को हस्तकला दिखाने का भरपूर मौका मिलता है । इसके अलावा , उनका हस्तशिल्प भी यहां बेचने के लिए रखा जाता है ।

एडवेंचर फेस्टिवल की धूम:

हर साल सापूतारा में एडवेंचर फेस्टिवल मनाया जाता है । पैराग्लाईडंग और पैरासेलिंग जैसे साहसी खेलों का लुत्फ उठाने के लिए देश और विदेश से लोग सापूतारा पहुंचते हैं ।

पैराग्लाईडंग फेस्टिवल में चीन , रूस और फ्रांस के पैराग्लाइडर्स भी हिस्सा लेते हैं । दरअसल , राज्य में एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए टूरिज्म पर्यटन विभाग यह आयोजन करवाता है ।

हजीरा और तीथल:

दक्षिणी गुजरात की औद्योगिक राजधानी हजीरा सूरत से 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित में है । हजीरा बीच कैसरीना पेडों से घिरा हुआ है । वह पर्यटकों का पसंदीदा जगह है ।

तीथल सूरत से 108 किलोमीटर और वलसद से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है । यह एक बीच है जो ताड़ के कोटरों से आच्छादित है । उबहारत एक अन्य प्रमुख बीच है जो सूरत से 42 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है ।

रोप – वे की सवारी:

साहसी और सापूतारा हिल स्टेशन (saputara hill station) के मनोरम दृश्य का आनंद लेने के लिये , वैटी रिजॉर्ट एक रोप वे / केबल कार सेवा प्रदान करता है जहां आप एंज्वॉय कर सकते हैं कोई भी इस रोप वे की सवारी के माध्यम से घाटी के पार जाते समय दस से पंद्रह मिनट का आनंद ले सकता है । केबल कार तब तक नहीं चलती है , जब तक उस पर दस यात्री नहीं बैठ जाते ।

आसपास के पर्यटन स्थल :

गंधवपुर कलाकार गांव , वंसदा नेशनल पार्क , पूर्णा अभयारण्य , गुलाब उद्यान , रोपवे सापूतारा के कुछ अन्य पर्यटकों के आकर्षण हैं ।

महल बारडीपारा जंगल में वन्य जीव अभयारण्य जा सकते हैं , जो यहां से 60 कि मी दूर है और गीरा झरना , जो 52 कि मी दूर है वहां भी जा सकते हैं ।

महल बारडीपारा में कई नदियां और बांस के इलाके हैं , जो पर्यटकों के लिए चलने और ट्रैकिंग के शानदार विकल्प हैं ।

शुष्क गुजरात के बीच सापूतारा (Saputara) की हरियाली का दिल्चस्प आश्चर्य देखना न भूलें , एक निश्चित कार्यक्रम में इस जगह को शामिल करना चाहिए ।

कैसे पहुंचे: सापूतारा सूरत से केवल 162 किमी दूर है और महाराष्ट्र राज्य की सीमा सापूतारा (Saputara) से केवल 4 किमी दूर है । बिलीमोरा सबसे सुविधाजनक रेलवे कनेक्ट है और सूरत सबसे पास हवाई अड्डा है ।

सड़क मार्ग : राज्य परिवहन की बसें और निजी लग्जरी कोच गुजरात और महाराष्ट्र के विभिन्न केन्द्रों को जोड़ती है । यह अहमदाबाद से 409 किलोमीटर और वधई से 51 किलोमीटर की दूरी पर स्थिति है । राष्ट्रीय हाईवे 8 ( अहमदाबाद की ओर ) चिकली , वधई सापुतारा (Saputara) नासिक वानी पर अलग होता है ।

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